उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़ में एक विधानसभा सीट कुंडा है। इसी कुंडा सीट से यूपी के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया साल 1993 से लगातार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि वह इन सालों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही चुने जाते रहे हैं। राजा भैया का एक नाम और है जो बहुत ज्यादा प्रचलन में नहीं हैं लेकिन उन्हें लोग ‘तूफान सिंह‘ के नाम से भी बुलाते हैं।

दरअसल, 1996 के चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह कुंडा सीट पर भाजपा प्रत्याशी के प्रचार के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान कल्याण सिंह जनसभा में राजा भैया को ‘कुंडा का गुंडा’ कह बैठे। साथ ही जनता से अपील की थी कि एक बार उनकी पार्टी के प्रत्याशी को मौका दिया जाए।

जनसभा में भाषण देने के दौरान उन्होंने एक नारा दिया कि “गुंडा विहीन कुंडा करो, भुज उठाइ प्रण कीन्ह”। भाषण के साथ जनसभा खत्म हुई और चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। कल्याण सिंह के इस आक्रामक नारे के बावजूद भी राजा भैया ने जीत दर्ज की।

जीतने के बाद राजा भैया तूफान की रफ्तार से कल्याण सिंह के आवास पहुंचे और उनसे पूछा कि आपने हमारे बारे में ऐसा क्यों कहा था? आखिर हम से नाराजगी का कारण क्या है? ऐसे में राजा भैया से कल्याण सिंह ने कहा कि हमने वो बात आपके लिए नहीं कही थी बल्कि पूरे प्रदेश से गुंडाराज खत्म करने के लिए कही थी।

ऐसे में राजा भैया ने प्रतिउत्तर में कहा कि यदि आप जैसा बड़ा नेता कुंडा में आकर ऐसे नारे गढ़ेगा तो जनता को लगेगा कि आपने हमारे लिए ऐसा कहा था। भले ही आपके मुताबिक यह बात पूरे प्रदेश के लिए थी लेकिन आपकी यह टिप्पणी हमें बुरी लगी।

बता दें कि, यह सारा वाकया रघुराज प्रताप सिंह ने स्वयं न्यूज़ वेबसाइट द लल्लनटॉप के एक इंटरव्यू में साझा किया था। वहीं, इन चुनावों में दिलचस्प बात यह भी रही थी कि जिन कल्याण सिंह ने राजा भैया के लिए ‘गुंडा विहीन कुंडा करो’ नारे को गढ़ा था; उन्हीं रघुराज प्रताप सिंह को साल भर बाद कल्याण सिंह ने अपनी सरकार में मंत्री बनाया था।