बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दल जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं। राज्य की राजनीति कभी बाहुबलियों से अछूती नहीं रही है। इस चुनाव में कई पार्टियों ने उन बाहुबलियों को भी मैदान में उतारने का फैसला किया है जिनका इतिहास रहा है कि उन्होंने बाहु बल के दम पर जीत का पताखा फहराया है। इस कड़ी में आज हम बात कर रहे हैं बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बाहुबली कहे जाने वाले विधायक अमरेन्द्र कुमार पांडेय की।
गोपालगंज जिले का एक विधानसभा सीट है कुचायाकोट। इस सीट पर जदयू ने अपने विधायक अमरेंद्र पांडेय को जीत का परचम लहराने की जिम्मेदारी दी है। कुचायकोट दियारा और गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध है। बाढ़ के बाद यहां लहलहाने वाली फसल इलाके की समृद्धि की कहानी बयां करती है। कुचायकोट गोपालगंज उत्तर प्रदेश से सटा हुआ सीमावर्ती इलाका है। अमरेंद्र पांडेय की यहां छवि किसी रॉबिनहुड से कम नहीं। वो यहां गरीबों की मदद करने के लिए काफी मशहूर हैं।
लेकिन यह उनकी पहचान का सिर्फ एक पहलू भर है। जनता में क्लीन छवि वाले जदयू विधायक के खिलाफ थाने में दर्जनों मामले दर्ज हैं। अमरेंद्र पर लगे आपराधिक आरोपों की जिक्र की जाए तो उनपर हत्या, रंगदारी, वसूली, जैसे कई मामले हैं। इसमें 2012 में शराब व्यवसायी अनिल साह की हत्या का मामला भी शामिल है।
इस मामले में उनके साथ पिता, जीजा, भाभी और पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष उर्मिला पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप लगा था कि 50 लाख रुपये की रंगदारी नहीं देने पर व्यवसायी की हत्या कर दी गई।
एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्यकारी निदेशक ने 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने का आरोप पटना में दर्ज कराया था। दो साल पहले 2018 में बीजेपी के सीनियर नेता शिव कुमार उपाध्याय ने भी अमरेंद्र पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था। इसके अलावा गोपालगंज में जिले के हथुआ थाना इलाके के रुपनचक गांव में RJD नेता के परिवार के चार सदस्यों को सरेआम गोलियों से भून दिया गया था।
गोलीबारी की इस घटना में RJD नेता के 70 वर्षीय वृद्ध पिता और 65 वर्षीय मां की मौके पर ही मौत हो गयी थी, जबकि दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में घायल लोगों भाइयों में से एक की मौत हो गई थी। इस ट्रिपल मर्डर में भी अमरेंद्र पांडेय का नाम उछला था।
अमरेंद्र पांडेय की एक पहचान यह भी है कि वो कुख्यात सतीश पांडेय के भाई हैं। सतीश पूर्व मंत्री बृज बिहारी हत्याकांड में जेल के अंदर बाहर आते-जाते रहते हैं। सतीश पांडये को अंतरराज्यीय अपराधी गिरोह का सरगना भी बताया जा रहा है। अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय सिर्फ 12वीं हैं और करोडों की संपत्ति के मालिक हैं। अमरेंद्र 2015 में जदयू के टिकट पर विधानसभा पहुंचे हैं। इससे पहले 2010 में बीएसपी के टिकट पर भी विधायक बने थे।
