शाह फैसल ने जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद अब इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वो प्रशासनिक सेवा में फिर से वापसी करेंगे? दरअसल अधिकारियों ने यह साफ किया है कि अभी तक शाह फैसल का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। इतना ही नहीं फैसल के इस्तीफा देने और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) नाम की राजनीतिक पार्टी बनाने के बावजूद उनका नाम जम्मू-कश्मीर के कैडर IAS की सूची से नहीं हटाया गया।
पहले कश्मीरी टॉपर: शाह फैसल देश के मशहूर अफसरों में शुमार किए जाते हैं। दरअसल, उन्होंने 2010 में सिविल सर्विस एग्जाम टॉप किया था। शाह फैसल को जम्मू-कश्मीर आईएएस काडर मिला था। सिविल सर्विस में टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी हैं। 2018 में वो एक साल की छुट्टी लेकर पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए थे। माना जाता है कि इनकी छवि ईमानदार आईएएस अफसर की है।
रेप को लेकर दिया था बयान: शाह फैसल उस समय चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने ट्विटर पर भारत में रेप कल्चर को लेकर ट्वीट किया था। अपने इस ट्वीट में उन्होंने दक्षिण एशिया को रेपिस्तान बता दिया था। उनके इस ट्वीट पर उन्हें सरकार की तरफ से नोटिस दिया गया था, जिसका शाह फैसल ने विरोध करते हुए अधिकारियों की बोलने की आज़ादी का मुद्दा उठाया था।
अनुच्छेद 370 हटाने का किया विरोध: विदेश से लौटने के बाद शाह फैसल ने अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली। शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) नाम से पार्टी बनाई थी। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद शाह फैसल ने ट्वीट करते हुए कहा था कि ‘कश्मीर में अभूतपूर्व भय, हर कोई टूट गया है. हर चेहरे पर हार की भावना स्पष्ट है..नागरिकों से लेकर विषयों तक, इतिहास ने हम सभी के लिए एक भयानक मोड़ लिया है. लोग सन्न हैं. ऐसी जनता, जिसकी जमीन, पहचान, इतिहास दिनदहाड़े छीन लिया गया है.’
370 हटाए जाने का विरोध करने पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के बाद पूर्व नौकरशाह शाह फैसल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आए पूर्व नौकरशाह शाह फैसल पर जन सुरक्षा कानून यानी पीएसए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था।
साल 2019 में पार्टी बनाने के बाद हालात तेजी से बदले औऱ अब शाह फैसल ने अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि यदि वह वापस प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का विकल्प चुनते हैं, तो वह जम्मू और कश्मीर में सबसे कम राजनीतिक कैरियर के लिए शाह फैसल एक और रिकॉर्ड बनाएंगे।