ऑन ड्यूटी पुलिसवालों पर हमला कर देना बड़े अपराधियों के लिए छोटी बात है। धीरे-धीरे इन अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो जाते हैं कि वो किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते। आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मुरैना मेंं एक आईपीएस अफसर पर किये गये भयानक हमले की। बात साल 2012 की है। आरोप लगा था कि खनन माफियाओं ने आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार को कुचल कर मारा था। इस हत्याकांड ने उस वक्त सनसनी फैला दी थी। राष्ट्रीय मीडिया में यह मामला कई दिनों तक सुर्खियों में रहा था।

राज्य के मुरैना जिले के बामौर कस्बे में अवैध पत्थर खनन से जुड़े अपराधियों पर शिकंजा कसते वक्त इस युवा आईपीएस अधिकारी पर हमला किया गया था। साल 2009 बैच के आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार उस वक्त बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी (एसडीपीओ) के तौर पर तैनात थे।

उस वक्त हौली के मौके पर वह अपने ड्राइवर और गनर के साथ बामौर के दौरे पर थे। इसी दौरान उन्हें रास्ते में पत्थरों से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली नजर आई। नरेंद्र कुमार ने इस ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने का इशारा किया लेकिन ड्राइवर ट्रॉली लेकर उस वक्त भागने लगा। इसके बाद नरेंद्र कुमार अपनी जीप से उतर गए और ट्रैक्टर के आगे जाकर उसे रूकने का इशारा किया। लेकिन ट्रैक्टर चला रहे ड्राइवर ने ट्रैक्टर नहीं रोकी और पत्थरों से भरी ट्रैक्टर उनके ऊपर चढ़ा दी।

इस घटना में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की मौत हो गई थी। ट्रैक्टर चला रहे ड्राइवर की पहचान मनोज गुर्जर के तौर पर हुई थी। बाद में स्थानीय पुलिस ने मनोज गुर्जर को पकड़ लिया था। इस मामले में काफी हंगामा मचा था। जिसके बाद राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने इस हत्याकांड की न्यायिक जांच के आदेश दिये थे। आपको बता दें कि मुरैना जिला निर्माण से जुड़े पत्थरों के लिए काफी संपन्न माना जाता है। यहां के पत्थऱ और बालू उच्च श्रेणी के माने जाते हैं। यहां पत्थर का अवैध खनन एक बड़ी समस्या है।

उस वक्त जांच में यह बात सामने आई थी कि नरेंद्र कुमार ने कई अवैध खनन लाइसेंस के खिलाफ कार्रवाई की थी। उन्होंने अवैध पत्थऱ लदे कई ट्रकों और ट्रैक्टरों को पकड़ा भी था और वो काफी दिनों से खनन माफियाओं के निशाने पर थे। मौत के वक्त नरेंद्र कुमार महज 30 साल के थे। आईपीएस नरेंद्र कुमार की पत्नी मधुरानी तेवतिया भी एक आईएएस अफसर थीं और उन्हें पहला बच्चा होने वाला था।

इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद नरेंद्र कुमार के पिता केशव देव ने अपने बेटे की हत्या को एक सोच-समझी साजिश करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि घटना के वक्त स्थानीय पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की थी। नरेंद्र कुमार की बहनों ने भी आरोप लगाया था कि भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते एक ईमानदार अफसर को अपनी जान गंवानी पड़ी।

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हालांकि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में अपनी किसी भी तरह की भूमिका से बाद में इनकार कर दिया था। इस हत्याकांड के बाद कई भाजपा नेताओं पर भी राज्य के अवैध खनन माफियाओं को सपोर्ट करने का आरोप लगा था।