जींद में गांव बिरौली के निकट शनिवार रात दो युवकों से एक करोड़ रुपए लूट की घटना पुलिस जांच में फर्जी निकली। पुलिस के अनुसार लूट की शिकायत करने वाले दोनों युवकों ने पूछताछ में सच्चाई स्वीकार कर ली। हालांकि पुलिस ने रविवार (1 सितंबर) सुबह घटना के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
देनदारी से बचने के लिए रची साजिशः डीएसपी धर्मबीर सिंह ने बताया कि लाखों रुपए की देनदारी से बचने के लिए दोनों युवकों ने एक करोड़ रुपए की लूट होने का दावा किया था। उन्होंने बताया कि हालांकि इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। गहनता से पूछताछ में दोनों युवकों ने स्वीकार किया कि उनके साथ कोई लूट नहीं हुई थी। पुलिस ने बताया कि गांव कड़ौदा, झज्जर निवासी संदीप ने बीती रात पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी थी कि वह अपने दोस्त अजय खत्री के साथ गाड़ी में सवार होकर जींद की तरफ आ रहा था। पुलिस के अनुसार संदीप ने बताया था कि अजय के पास एक करोड़ रुपए की राशि थी जो गांव दनौदा निवासी राममेहर को देनी थी। गांव बिरौली के निकट कार सवार युवकों ने उन पर गोलीबारी की और एक करोड़ रुपये की राशि लूट ली और नये बस अड्डे की तरफ फरार हो गए।
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चुकाने के लिए नहीं थी राशिः पुलिस के अनुसार सूचना के बाद डीएसपी धर्मबीर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों युवकों ने शराब पी हुई थी। मध्यरात्रि तक मामले की छानबीन होती रही। पुलिस ने अजय की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट तथा शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने बताया कि अजय का बादली में सीमेंट तथा रोड़ी का प्लांट है इसके अलावा झज्जर में होटल भी है। अजय ने गुरूग्राम में फ्लैट भी बनाए हुए हैं। उसकी काफी राशि फ्लैटों में फंस गई। गांव दनौदा कलां निवासी राममेहर का अजय पर बकाया था। राममेहर ने अजय से एक करोड़ रुपए की मांग की थी। वास्तव में अजय के पास देने के लिए राशि थी ही नहीं। अजय ने लूट का यह दावा देनदारी से बचने के लिए अपने साथी संदीप के साथ मिलकर किया था। संदीप के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।