IIT Student Suicide: आईआईटी-दिल्ली के 21 वर्षीय छात्र अनिल कुमार की अपने हॉस्टल के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उसकी मौत के एक दिन बाद संस्थान के अधिकारियों ने दावा किया कि अनिल ने संस्थान में कोई शिकायत दर्ज कराने या परामर्श सेवाएं लेने के लिए एससी/एसटी सेल से संपर्क नहीं किया था। संस्थान की ओर से बताया गया कि अनिल कुमार एससी समुदाय से था। वह गणित और कंप्यूटिंग में बीटेक कर रहा था। हाल ही में उसने अपने पिता को खो दिया था।
राखी मनाने के लिए भी घर नहीं गया था अनिल, कुछ महीने पहले अपने पिता को खो दिया था
आईआईटी-दिल्ली के एक अधिकारी ने कहा, “संवेदनशीलता की दिशा में निरंतर प्रयासों के बावजूद हमें अभी भी बेहतर करने की जरूरत है क्योंकि छात्र अपने मुद्दों के साथ आगे नहीं आ रहे हैं… हमें पता चला है कि छात्र उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का रहने वाला था और कुछ महीने पहले उसने अपने पिता को खो दिया था। वह राखी मनाने के लिए भी घर नहीं गया था। हमने उसके दोस्तों और परिवार से बात की। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी क्योंकि किसी ने भी ऐसा होते नहीं देखा।”
अधिकारियों ने यह भी कहा कि छात्र 2019 बैच का था और उसने संस्थान में चार साल पूरे कर लिए थे, लेकिन ग्रेजुएट करने के लिए जरूरी क्रेडिट को पूरा नहीं कर पाया था। इसके कारण दबाव हो सकता है। अनिल संस्थान में एक्सटेंशन पर था।
आईआईटी-दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी ने छात्रों को ईमेल में दी जानकारी
अनिल कुमार की मौत बाद छात्रों को एक ईमेल में आईआईटी-दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी ने लिखा, “बहुत भारी मन से, यह मेरा दुर्भाग्यपूर्ण कर्तव्य है कि हम आपको हमारे समुदाय के एक युवा सदस्य अनिल कुमार के बहुत दुखद और असामयिक निधन के बारे में सूचित करें… विंध्याचल छात्रावास का निवासी… अनिल दुर्भाग्य से अपने कमरे में… (मृत) पाया गया, कमरा अंदर से बंद था। पुलिस ने उनके शव को कब्जे में ले लिया है। यह दुखद नुकसान इस तथ्य से भी जुड़ी है कि अनिल कुमार एससी समुदाय से थे।”
निदेशक बनर्जी ने कहा – बढ़ाई जा रही है काउंसलिंग, परीक्षा प्रणाली में किया सुधार
ईमेल में आगे कहा गया है कि अगले सप्ताह एक शोक सभा आयोजित की जाएगी और छात्रों से संस्थान की परामर्श सेवाओं (काउंसलिंग) का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया जाएगा। कुछ हफ्ते पहले, भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान (IIT) में मानसिक स्वास्थ्य पहल का जिक्र करते हुए निदेशक बनर्जी ने कहा था कि वे परामर्श बढ़ा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने छात्रों पर दबाव कम करने के लिए परीक्षा प्रणाली में सुधार किया है।
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अभी तक कोई भी साजिश सामने नहीं आई और न ही कोई सुसाइड नोट मिला- पुलिस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “इस मामले में अभी तक कोई भी साजिश सामने नहीं आई है और न ही हमें कोई सुसाइड नोट मिला है… यह पता चला है कि छात्र अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा था, जिसके कारण उसे मानसिक आघात हुआ… उसका शव सफदरजंग अस्पताल में रखा गया है। उसके माता-पिता को सूचित कर दिया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है।”