देश में इंडियन प्रीमियर लीग 2022 जारी और दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमी आईपीएल मैचों का लुफ्त उठा रहे हैं। हालांकि, इस सबके दौरान सट्टेबाज भी अपने गैरकानूनी धंधे में व्यस्त हैं। इसी क्रम में हैदराबाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए एक सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों में कथित तौर पर सट्टा लगाने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया।
हैदराबाद की राचकोंडा पुलिस के विशेष अभियान दल के अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए छापेमारी की थी। जिसमें उन्हें पता चला था कि सट्टेबाज आईपीएल मैच में टीमों पर कथित तौर पर सट्टा लगा रहे थे। इस छापेमारी के दौरान उनके पास से 11.80 लाख रुपये कैश के रूप में जब्त किए जबकि सटोरियों के बैंक खातों से करीब 31.17 लाख रुपये बरामद किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सट्टेबाज मंगलवार रात राजस्थान रॉयल बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर मैच में कथित तौर पर सट्टा लगा रहे थे। आरोपियों में से एक की पहचान तनिरू नागराजू के रूप में हुई है, जो कि एक बुकी है। पुलिस के अनुसार, आरोपी तनिरू आईपीएल सीज़न के दौरान हैदराबाद में सट्टेबाजी में सक्रिय हो जाता है। जबकि मुख्य आरोपी की पहचान साई राम वर्मा के रूप में की गई, जिसके पास हैदराबाद और सिकंदराबाद से जुड़े शहरों में तनिरु नागराजू जैसे कई अन्य सट्टेबाज हैं।
पुलिस के अनुसार, नागराजू को साईं राम वर्मा से उसके नंबर पर क्रिकेट सट्टेबाजी की दर प्राप्त होती है और वह अपने पंटर्स को इसकी सूचना देता है। मैच के पूरा होने के बाद, तन्निरु नागराजू एक अन्य गुंडू किशोर के माध्यम से जीत और हार के पैसे बांट दिया करता था। पुलिस ने कहा, उनके कुछ ग्राहक/सटोरिए पेटीएम, नेट बैंकिंग के जरिए विभिन्न बैंक खातों में पैसे भेजते थे। नागराजू को ऐसे ही एक मामले में 2016 में गिरफ्तार किया गया था।
आरोपियों ने जांचकर्ताओं को बताया कि सट्टेबाजी मैच के पहले ओवर की पहली गेंद के बाद ही शुरू हो जाती है और आखिरी गेंद तक चलती है। साथ ही मैच के दौरान भी दाम ऊपर-नीचे होते रहते थे। राचकोंडा आयुक्त महेश भागवत ने कहा, मैच के पूरा होने के बाद, सट्टेबाज अपने कलेक्शन एजेंटों से पैसे को इकट्ठा करने और बांटने का काम दे देते थे। फिर जो मुनाफा मिलता था उसका कुछ हिस्सा बुकी और सट्टेबाजों में बाँट दिया जाता था।