मध्यप्रदेश पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पर्चा बांटने पर हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप यह भी है कि कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ भी की है। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को महासभा ने गोडसे की पुण्यतिथि मनाते हुए मांग की थी कि महात्मा गांधी की हत्या के मुकदमे के दौरान अदालत में दिए गए गोडसे के बयानों को मध्य प्रदेश के स्कूली सिलेबस में शामिल किया जाए। मामले में महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कोई भी मामला दर्ज की बात की जानकारी मिलने से इनकार किया है।
क्या है पूरा मामलाः कोतवाली थाना प्रभारी विवेक अस्थाना ने बताया, ‘महासभा के कार्यकर्ताओं द्वारा गोडसे की बरसी मनाने से एक दिन पहले गुरुवार (14 नवंबर) को शहर के दौलतगंज इलाके में आपत्तिजनक पर्चे बांटे गए।’ उन्होंने यह भी
कहा कि रविन्द्र सिंह चौहान की शिकायत पर नरेश बाथम और महासभा के अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ भादंवि की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर अलग अलग समूहों या वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में अस्थाना ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बांटे गए पर्चे में महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिससे गांधीवादी विचारधारा के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
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कार्यक्रम के वीडियो फुटेज के आधार पर की जा रही कार्रवाईः ग्वालियर जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) राजा बाबू सिंह ने बताया कि मामले में जांच चल रही है। गोडसे की पुण्यतिथि मनाने के लिए शुक्रवार (15 नवंबर) को महासभा के कार्यक्रम के वीडियो फुटेज की पुलिस जांच कर रही है। इस पर महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहा कि कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस केस दर्ज होने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
कार्यक्रम में मनाए गए महासभा द्वारा बलिदान दिवसः मामले में भारद्वाज ने कहा, ‘हम अदालत में अपना पक्ष रखेगें। शुक्रवार को कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम जैसे कार्यक्रम हम घरों के अंदर आयोजित करेंगे। हमारे घरों में हमें पूजा कराने का अधिकार है। प्रदेश सरकार का यह तानाशाही रवैया है।’ गौरतलब है कि महासभा के सदस्य शुक्रवार को महासभा के कार्यालय में इकठ्ठा हुए और गोडसे और नारायण आप्टे का 70 वां बलिदान दिवस मनाया।
2017 में महासभा ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान का किया था आयोजनः बता दें कि महात्मा गांधी की हत्या के अपराध में गोडसे और आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला की जेल में फांसी की सजा दी गई थी। वहीं15 नवंबर 2017 को हिन्दू महासभा ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का अनुष्ठान करने के बाद यहां अपने कार्यालय में गोडसे की प्रतिमा को स्थापित किया था। व्यापक आक्रोश के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन ने इस प्रतिमा को भी जब्त कर लिया था।