Malini Ramani Cheating Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को फैशन डिजाइनर मालिनी रमानी द्वारा धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़ी 2021 की एफआईआर के संबंध में उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (LOC) को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस का रुख पूछा। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की सिंगल बेंच ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। वहीं मामले को 28 अगस्त को “अंतिम निपटारे” के लिए लिस्टेड किया गया है।
IPC की धारा 420 के मामले में ढाई साल से जारी है जांच
मालिनी रमानी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उनके लिए अपील करते हुए वरिष्ठ वकील विजय आर दातार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी कि उनकी मुवक्किल “जांच में सहयोग कर रही थी।” उन्होंने कहा कि एफआईआर 11 जनवरी, 2021 को दर्ज की गई थी और 2.5 साल से अधिक समय के बाद भी “बिना किसी कारण के जांच जारी है।”
दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है मालिनी रमानी का मामला
एडवोकेट विजय आर दातार ने कहा कि एलओसी का उद्देश्य “केवल उस व्यक्ति की उपस्थिति सुनिश्चित करना है जिसके खिलाफ परिपत्र जारी किया गया है ताकि वह जांच में सहयोग कर सके और किसी भी न्यायिक कार्यवाही के समय या अदालत द्वारा आवश्यक होने पर उपस्थित रहे।” सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि जांच अभी भी लंबित होने का कारण यह है कि “याचिकाकर्ता एक अमेरिकी विदेशी नागरिक है और उसकी यात्रा का बहुत बड़ा इतिहास है।” उन्होंने कहा, “प्रथम दृष्टया लगभग 2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा मामला है।”
हाई कोर्ट ने पूछा लुक आउट सर्कुलर के लिए क्या है दिल्ली पुलिस की आशंका
जब अदालत ने मौखिक रूप से पूछा कि दिल्ली पुलिस की “आशंका” क्या थी? तो वकील ने कहा, “28 जनवरी को एक घटना हुई थी जब याचिकाकर्ता ने हमें सूचित किए बिना भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से बचने की कोशिश की थी। वह दूसरे देश जाने की कोशिश कर रही थी।” हाई कोर्ट ने फिर पूछा कि “क्या कोई बाधा है?” तो पुलिस के वकील ने कहा कि रमानी ने मामले की जांच अधिकारी को जानकारी नहीं दी।
मालिनी रमानी के पास अमेरिकी पासपोर्ट, बिना वीजा के जा सकती हैं 45 देश
दातार ने कहा कि उनकी मुवक्किल को एलओसी के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्हें इसके बारे में कभी सूचित नहीं किया गया। वहीं पुलिस के वकील ने आगे कहा कि मालिनी रमानी के पास “अमेरिकी पासपोर्ट” है और “45 से अधिक देश हैं जहां वह वीजा के लिए आवेदन किए बिना जा सकती हैं।” वकील ने तर्क दिया कि “क्या होगा अगर वह चली जाए और कभी वापस न आए?”
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दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा – इसलिए आप उसे कहीं भी जाने से रोकेंगे?
दिल्ली हाई कोर्ट ने फिर मौखिक रूप से पूछा, “इसलिए आप उसे कहीं भी जाने से रोकेंगे, क्योंकि यह आईपीसी की धारा 420 का मामला है जिसमें आपने तीन साल बाद जांच भी पूरी नहीं की है।” इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले को अंतिम निपटान के लिए अगस्त में सूचीबद्ध किया है।