पहले वो बच्चियों को 10 रुपए का नोट दिखाकर चॉकलेट या किसी अन्य चीज की लालच देता और फिर उन्हें किसी कमरे या फिर सुनसान जगह पर ले जाकर उनके साथ बर्बरतापूर्वक दुष्कर्म करता और फिर ईंट या डंडे से पीट-पीट कर उनकी हत्या कर देता था। जब कभी वो ऐसी जघन्य वारदातों को अंजाम देता था तो अपन ‘लकी’ ब्लू शर्ट पहनना नहीं भूलता था। पुलिस की पूछताछ में इस शख्स ने खुलासा किया है कि उसने साल 2016 से लेकर साल 2018 के बीच अलग-अलग जगहों पर 9 बच्चियों के साथ दुष्कर्म और उनकी हत्या की है।
20 साल के आरोपी सुनील कुमार को पुलिस ने बड़ी ही नाटकीय अंदाज में दबोचा है। दरअसल बीते 11 नवंबर को गुरुग्राम के सेक्टर 66 से अचानक एक नाबालिग बच्ची गायब हो गई। अगले ही दिन 12 नवंबर को इस मासूम बच्ची का शव सड़क किनारे पड़ा मिला। इस मामले में बच्ची के घर के सामने बनी झुग्गियों में रहने वाले सुनील कुमार पर आरोप लगा। सुनील यहां अपने रिश्तेदारों के साथ रहता था। पुलिस ने जब सुनील के रिश्तेदारों से पूछताछ की तो पता चला कि सुनील के पिता की 8 साल पहले मौत हो गई थी और पिता के मौत के कुछ ही दिनों बाद उसने अपना घर छोड़ दिया। सुनील अब इधर-उधर भटकता रहता है। वो कही भी सो जाता है और अक्सर भंडारे में खाना खाता है। सुनील को शराब पीने की आदत थी और शराब पीने के पैसों के इंतजाम की खातिर वो कभी-कभी मजदूरी कर लेता था।
इसके बाद सुनील को पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया। पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर भंडारे का आयोजन कराया। इस आयोजन में 3 लाख रूपए भी खर्च हुए। पुलिस ने बीते शनिवार की देर रात झांसी के मगरपुर गांव से उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में जो कुछ भी सुनील ने पुलिस को बताया उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस के मुताबिक सुनील ने बताया कि उसने साल 2016 और 2018 के बीच गुरुग्राम में तीन बच्चियों की हत्या की है। उसने पुलिस को यह भी बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में उसने छह अन्य लड़कियों की भी हत्या की है। उसने पुलिस से कहा कि वो सिर्फ इसलिए पकड़ा गया क्योंकि उसने उस दिन अपना ‘लकी’ शर्ट नहीं पहना था। उसने कहा कि जब कभी वो अपना ‘लकी’ ब्लू शर्ट पहनकर किसी वारदात को अंजाम दिया करता था तो वो पुलिस की पकड़ में आने से बच जाता था।
पुलिस के मुताबिक सुनील भंडारे में आने वाली तीन से आठ साल की बच्चियों को अपना शिकार बनाता था। जब इन बच्चियों के माता-पिता का ध्यान भटक जाता था तो वो भीड़ का फायदा उठाकर इन बच्चियों को वहां से ले जाता था। इतना ही नहीं सुनील हर वारदात के पहले उसकी पूरी तैयारी भी करता था। वारदात करने से एक दिन पहले वो वारदात की जगह का अच्छे से निरीक्षण करता तथा इसके आसपास ईंट और डंडे जरूर रखता था। वो इस बात का भी ख्याल रखता था कि बच्चियों को लालच देते वक्त वो अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करे ताकि पुलिस उसे ट्रेस ना कर सके। वो हमेशा 10 रुपए का एक नोट अपन पास जरूर रखता था। जब कभी उसे मौका मिलता वो इस पैसे को दिखाकर बच्चियों को लालच देता और फिर उनके साथ दरिंदगी कर उनकी हत्या कर देता। बहरहाल अब सुनील के दबोचे जाने के बाद पुलिस उसे उसके सही अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी है।
