आज बात हरियाणा के ऐसे गैंगस्टर की जो कभी बड़ा होकर क्रिकेटर बनना चाहता था लेकिन आपसी झगड़ों ने उसे अपराधी बना दिया। नाम था सुरेंद्र ग्योंग। भेष बदलने में माहिर और कुख्यात गैंगस्टर संदीप गडोली का करीबी माना जाने वाला सुरेंद्र चार राज्यों में मोस्टवांटेड अपराधी था, जिस पर 30 से अधिक संगीन जुर्मों के मामले दर्ज थे।

हरियाणा के कैथल में जन्में सुरेंद्र को शुरू से ही क्रिकेट खेलने का शौक था लेकिन जब 10वीं के बाद जब पढ़ाई छूटी तो क्रिकेट भी छूट गया। पढ़ाई के दौरान ही उस पर पहली बार मारपीट का मामला दर्ज किया गया था। इसमें सुरेंद्र ने बस ड्राइवर व कंडक्टर के साथ पैसों को लेकर हुई कहासुनी में मारपीट की थी।

इसके बाद सुरेंद्र का नाम कैथल व आसपास की छोटी-मोटी घटनाओं में आने लगा। हालांकि, साल 1999 में सभी को हैरानी तब हुई जब सुरेंद्र पर बैंक में एक व्यक्ति के साथ 1 लाख की छिनैती का आरोप लगा। इस मामले में सुरेंद्र पर डकैती का मामला दर्ज किया गया फिर पत्रकार परमानंद गोयल की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था। पत्रकार की हत्या में मामले सुरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

इन सब घटनाओं के बार परिजन भी उससे हार मान चुके थे। इधर सुरेंद्र ने सूबे के कुख्यात कृष्ण पहलवान का साथ लिया लेकिन अनबन के चलते कुछ दिनों बाद वह अलग हो गया। सुरेंद्र मुख्य रूप से डॉक्टर, कारोबारियों और आढ़तियों से रंगदारी, फिरौती वसूलता था। इसी बीच उसका नाम अपने साथी रहे कृष्ण पहलवान की हत्या में भी उछला।

कई सालों तक सुरेंद्र ने हत्या, डकैती, अपहरण और फिरौती जैसे जुर्मों से खूब दहशत फैलाई और साल 2004 आते-आते वह 4 राज्यों में वांछित अपराधी रहा। सुरेंद्र अपने भाई जितेन्द्र के साथ मिलकर गैंग चलाता था और उसका नाम हरियाणा के बड़े कारोबारी रहे नरेंद्र अरोड़ा की हत्या में सामने आया था। बताते हैं कि, सुरेंद्र अपनी गैंग के साथ संदीप गडोली के साथ भी काम करता था।

हालांकि, साल 2005 में उसे पुलिस ने धर दबोचा और अंबाला जेल भेज दिया था। इसे एक हत्यारे का खौफ ही कहेगें कि सुरेंद्र 2005 में जेल में रहते हुए पंचायत का चुनाव जीतकर सरपंच बन गया था। कई साल जेल में रहने के बाद 23 मई 2016 में सुरेंद्र एक महीने की पैरोल पर झज्जर जेल से बाहर आया और फिर बेल जंप कर दी। जहां एक तरफ कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया, वहीं पुलिस उसे खोजने में लगी रही।

भेष बदलने में माहिर सुरेंद्र कई साल तक बाहर घूमता रहा और इस दौरान उस पर इनाम भी घोषित किया गया। वहीं, संदीप गडोली के एनकाउंटर के उसने गैंगस्टर कौशल के साथ मिलकर बाद शराब और जुएं का कारोबार शुरू किया। हालांकि, साल 2018 को पुलिस को सूचना मिली कि सुरेंद्र अपनी होंडा सिटी कार में जींद से करनाल की तरफ जा रहा है। सूचना के आधार पर जब पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की तो इस एनकाउंटर में सुरेंद्र ग्योंग को करनाल के राहडा गांव में मार गिराया गया था।