गुड़गांव में जिला अदालत ने दो लोगों को हत्या का दोषी ठहराया और चश्मदीद गवाह के मुकरने के बावजूद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसला सुनाते हुए, एडिशलन सेशन जज वीरेंद्र प्रसाद ने भगवान राम की कहानी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “भगवान राम ने पिता के वचन के निभाने के लिए 14 साल वनवास में बिताए। उन्होंने भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे यहां पिता और दादा को भगवान के समान माना जाता है”। दोषियों में एक पीड़ित का बेटा और दूसरा उसका पोता था।
केस डायरी के अनुसार, पोता मोहित अपने दादा के कृष्ण सहरावत के घर के पास यूरीन पास कर रहा था। तभी उसकी दादी ने उसका पीछा किया। थोड़ी देर बाद बुजुर्ग महिला के रोने की आवाज आई। जिसके बाद बुजुर्ग महिला का पति घर से बाहर आया। जहां उसके बेटे और पोते ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। यह घटना 8 दिसंबर, 2021 की है। उन्होंने बुजुर्ग की पत्थर से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।
इस मामले में सहायक लोक अभियोजक बलजीत सिंह का कहना है कि कृष्ण की मौत सिर में चोट लगने से हुई। उन्होंने कोर्ट से कहा, “हमारे पास रिकॉर्ड में जो तस्वीरें हैं, उनके मुताबिक शरीर के चारों ओर जो पत्थर थे वे खून से सने हुए थे। फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मंजीत की शर्ट पर इंसानी खून के धब्बे थे।”
मृतक की पत्नी ने दिया बेटे और पोते का साथ
मामला तब बदल गया जब अपनी गवाही में कृष्णा देवी ने अपने बेटे और पोते को दोषी नहीं ठहराया। हालांकि कोर्ट ने कृष्णा की गवाही को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना था कि बेटे के खिलाफ गवाही ना देने के उसके पास तमाम कारण हैं। आखिर वह एक भारतीय मां है। भले ही उसके बेटे और पोते ने उसकी पति की हत्या कर दी मगर उसके मन में उनके लिए प्यार है। उसके मन में अपने बेटे और पोते के लिए प्यार है औऱ वह उन्हें किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती है। इसलिए उसने घटना को तोड़मरोड़ कर पेश किया है।
भारतीय संस्कृति का किया जिक्र
इसके बाद न्यायधीश ने रामायण और भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि आरोपी इतने क्रूर हो गए कि उन्होंने बर्बरता से अपने ही खून की हत्या कर दी। न्यायाधीश परशाद ने कहा कि वे गुस्से में इस बात को भूल गए कि वे जिस देश में रहते हैं जहां पिता और दादा को भगवान के बाद माना जाता है। मंजीत अपने दादा की वजह से इस धरती पर आया था। मोहित भूल गया कि मृतक के साथ उसका पवित्र रिश्ता है। हमारे देश में भगवान राम की कहानियां सुनाई जाती हैं। इसके बाद अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।