गुजरात में मेहसाणा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को पूर्व गृह मंत्री और दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी के साथ-साथ 14 अन्य लोगों को धोखाधड़ी और बेईमानी के लिए दोषी ठहराते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने 15 लोगों को आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक साजिश, जालसाजी और उकसावे के अपराधों के लिए भी दोषी ठहराया। हालाँकि, अदालत ने चार अन्य आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। जिन 14 अन्य लोगों को दोषी पाया गया है उनमें दूधसागर डेयरी के पूर्व बोर्ड सदस्य भी शामिल हैं।

हाई प्रोफाइल मामले में 22 आरोपियों के खिलाफ दायर किया गया था आरोपपत्र

इस हाई प्रोफाइल मामले में कुल मिलाकर 22 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। इनमें से तीन को मुकदमे की सुनवाई के दौरान उनकी मौत के बाद मुकदमे से हटा दिया गया था। उन तीनों का नाम बलदेवभाई जेसंगभाई चौधरी, वेलाजीभाई केशरभाई चौधरी और जोइताभाई सवाजीभाई चौधरी है। वहीं चार अन्य प्रभातभाई खोदाभाई देसाई, डॉ. बिपिनचंद्र मोहनलाल पटेल, प्रवीणकुमार बलदेवचंद्र भांबी और अक्षयकुमार कुन्हबिहारी शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।

अदालत ने दिया 251 पन्नों का फैसला, मेहसाणा की एक जेल में बंद हैं 15 दोषी

बचाव पक्ष के वकील राजेंद्रभाई नरोत्तमदास बारोट ने कहा कि अतिरिक्त मजिस्ट्रेट वाईआर अग्रवाल द्वारा दोषी ठहराए गए 15 लोग अब मेहसाणा की एक जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा, “हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और कल मेहसाणा सत्र अदालत में जमानत के लिए भी याचिका दायर करेंगे। मजिस्ट्रेट अदालत ने अपने 251 पन्नों के फैसले में मुख्य रूप से माना है कि 15 आरोपी डेयरी को 22.5 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के दोषी हैं।”

दूधसागर डेयरी के बोर्ड बड़े अधिकारियों का नाम दोषियों में शामिल

बारोट ने कहा, “सात साल की सजा के अलावा 15 लोगों पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि दोषी ठहराए गए 15 लोगों में से निशिथ बक्सी दूधसागर के पूर्व प्रबंध निदेशक थे, रश्मिकांत मोदी पूर्व वित्त प्रमुख थे और शेष 13 दूधसागर डेयरी के निदेशक थे। उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान 20 से अधिक अभियोजन गवाहों से पूछताछ की गई थी।

क्या है धखाधड़ी का ये पूरा हाई प्रोफाइल मामला

साल 2014 में मेहसाणा सिटी बी डिवीजन पुलिस स्टेशन द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उसी वर्ष एक आरोप पत्र दायर किया गया था। इसमें यह आरोप लगाया गया था कि विपुल चौधरी उस समय गुजरात सहकारी दूध विपणन महासंघ (GCMMF)के अध्यक्ष भी थे। इसे अमूल के नाम से जाना जाता है। मेहसाणा में दूधसागर डेयरी ने महाराष्ट्र में प्रभावित क्षेत्र में सूखे से निपटने के लिए 22 करोड़ रुपये मूल्य के 22.5 मीट्रिक टन पशु चारा मुफ्त में आपूर्ति करने का फैसला किया था।

दूधसागर डेयरी को लगभग 22.5 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप

मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ दूधसागर डेयरी चलाता है। यह उन 18 यूनियनों में से एक है जो प्रमुख निकाय जीसीएमएमएफ का हिस्सा हैं। कोर्ट का यह फैसला विपुल चौधरी को अन्य लंबित आपराधिक मामलों में भी प्रभावित करेगा। इसमें दूधसागर डेयरी को लगभग 22.5 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में 11 दिसंबर, 2020 को सीआईडी ​​गांधीनगर में दर्ज एफआईआर भी शामिल है।

Amul vs Nandini: Karnataka Elections से पहले क्यों उठा अमूल पर विवाद! | Karnataka Rakshana Vedike | Video

29 जुलाई, 2019 और 31 अक्टूबर, 2019 के बीच हुआ बोनस घोटाला

एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि चौधरी ने बोनस जारी करने के घोटाले के माध्यम से 1,932 डेयरी कर्मचारियों से धोखाधड़ी से 14 करोड़ रुपये प्राप्त किए। यह अपराध कथित तौर पर 29 जुलाई, 2019 और 31 अक्टूबर, 2019 के बीच हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि चौधरी को पशु चारा घोटाले से हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्होंने दूधसागर डेयरी से जीसीएमएमएफ से धन निकालने के लिए बोनस घोटाले की आपराधिक साजिश रची।

इस मामले में विपुल चौधरी के अलावा दोषी ठहराए गए अन्य लोग कौन हैं

विपुल चौधरी के अलावा इस मामले में दोषी ठहराए गए अन्य लोग हैं रश्मिकांत मोदी, निशिथ बक्सी, जलाबेन खेगरभाई देसाई, चंद्रकांत चंदूभाई पटेल, जेबरबेन पंचाभाई रबारी, जयंतीभाई गिरधरभाई पटेल, करशनभाई हरजीभाई रबारी, जेठाजी भवनजी ठाकोर, वीरेंद्रसिंह कृष्णसिंह ठाकोर, ईश्वरभाई जोइताराम पटेल, भगवानभाई नरसंगभाई चौधरी, दिनेशभाई दलाजीभाई चौधरी, ईश्वरभाई प्रभुदास पटेल और प्रथमेश रमेशभाई पटेल।