गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के समधियाला गांव में बुधवार को क्षत्रिय समुदाय के लोगों द्वारा कथित तौर पर हत्या किए गए दो दलित भाइयों के परिवारों ने शुक्रवार को उनके शवों पर दावा किया। इससे पहले पुलिस पीड़ित परिवार को उनकी जमीन पर खेती और अदालत के दौरान पुलिस सुरक्षा मुहैया करने पर राजी हुई। पुलिस ने उन्हें पेशी और मामले में फास्ट-ट्रैक सुनवाई का भी भरोसा दिया है।
सुरेंद्रनगर के पुलिस अधीक्षक हरेश दुधात ने पीड़ित परिवार को दिया लिखित आश्वासन
सुरेंद्रनगर के पुलिस अधीक्षक हरेश दुधात ने पीड़ित परिवारों को उनकी कुछ मांगों को पूरा करने के बारे में लिखित आश्वासन दिया था। इसके बाद सुरेंद्रनगर शहर के गांधी अस्पताल से 60 साल के अलजीभाई परमार और उनके छोटे भाई 54 साल के मनोज परमार के शवों पर परिवार ने दावा किया और अंतिम संस्कार के लिए अपने साथ ले गए। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (GPCC) के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल और अन्य कांग्रेस नेताओं ने सुरेंद्रनगर का दौरा किया था और परमारों को अपना समर्थन दिया था।
सरकार ने पीड़ित परिवार की इन मांगों को माना, गांव और अहमदाबाद दोनों जगह सुरक्षा
अलजीभाई के छोटे भाई अमृतभाई परमार ने शुक्रवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “सरकार समधियाला गांव में हमारे खेत में बटाईदारों को साल भर पुलिस सुरक्षा प्रदान करने पर सहमत हुई है। वे जब भी हम अपने खेत में जाते हैं तब समधियाला गांव के साथ-साथ अहमदाबाद में भी हमारे परिवारों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने पर सहमत हुए। सरकार हमारे बच्चों को वयस्क होने पर हथियार के लाइसेंस देने पर भी सहमत हुई है। चूंकि हमारी कई मांगें पूरी हो गई हैं, इसलिए हमने अपने भाइयों के शवों पर दावा किया है।”
एक भाई का पैतृक गांव और दूसरे का अहमदाबाद में होगा अंतिम संस्कार
अमृतभाई चार परमार भाइयों दिवंगत खोदाभाई, अलजीभाई, अमृतभाई और मनोज में से तीसरे नंबर पर हैं। अमृतभाई ने कहा कि अलजीभाई का अंतिम संस्कार चूड़ा तालुका के परिवार के पैतृक गांव समधियाला में किया जाएगा और मनोज के पार्थिव शरीर को अहमदाबाद ले जाया जाएगा जहां वह अपने परिवार के साथ रहते थे।
क्यों और कैसे हुई सुरेंद्रनगर के दलित भाइयों की हत्या, क्या है पूरा मामला
बुधवार शाम करीब 4 बजे क्षत्रिय समुदाय के काठी दरबार संप्रदाय के छह लोगों ने अलजीभाई और मनोज पर कथित तौर पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया। उस समय दोनों भाई और परिवार की तीन महिलाएं अपने खेत छोड़ने वाले थे। काठी दरबार गुजरात में दलितों की तुलना में सामाजिक पदानुक्रम में बहुत ऊपर बैठते हैं। हमलावरों ने मौके से भागने से पहले महिलाओं और पास के तुवा गांव के ट्रैक्टर चालक दलपत परमार को भी घायल कर दिया। घायलों को सुरेंद्रनगर शहर के एक अस्पताल ले जाया गया जहां दोनों भाइयों ने दम तोड़ दिया।
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खोदाभाई की विधवा पारुल की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज
खोदाभाई की विधवा पारुल की शिकायत के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को छह लोगों को नामजद और 12-15 लोगों के एक समूह के खिलाफ हत्या सहित कई आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। पारुल ने अमरा खाचर, अमरा के भाई नागभाई, अमरा के बेटे जीलू उर्फ घुघा और मंगलू, भीखू खाचर, समधियाला गांव के एक भानभाई और एक भीड़ को आरोपी बनाया था। उन्होंने कहा था कि आरोपी परमारों को उनकी पारिवारिक जमीन हड़पने की धमकियां दे रहे थे। दोनों भाई करीब चार दशक पहले अहमदाबाद चले गए थे।
शवों पर दावा करने के लिए परिवार ने सरकार से की ये मांगें
गुरुवार देर रात पोस्टमार्टम के बाद दोनों भाइयों के परिजनों ने इस बात पर जोर देते हुए शवों पर दावा करने से इनकार कर दिया था कि सरकार पहले उनकी मांगें पूरी करे। परिवार ने मांग की थी कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की थी कि सरकार मनोज की दो बेटियों और एक बेटे की शिक्षा का खर्च उठाए और परिवार को अहमदाबाद के पास वैकल्पिक जमीन दी जाए। उन्होंने यह भी मांग की थी कि आलजीभाई और मनोज के परिवार से एक-एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए।
FIR में नामजद पांच मुख्य आरोपी गिरफ्तार, बाकियों की तलाश में छापेमारी
देर शाम तक पुलिस ने एफआईआर में नामजद पांच मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया और मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया। हालांकि, परिवारों ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार उन्हें लिखित आश्वासन दे। गतिरोध जारी रहने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री भानुबेन बाबरिया ने गुरुवार देर रात गांधी अस्पताल में परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, लेकिन परिवार अपनी मांगों पर अड़े रहे।
शुक्रवार को एसपी दुधात ने दिया लिखित आश्वासन, सरकारी खर्च पर पुलिस सुरक्षा
आखिरकार, शुक्रवार को अपने लिखित आश्वासन में एसपी दुधात ने कहा कि फरार चल रहे बाकी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और अदालत में पेशी के दौरान पीड़िता के परिवार के सदस्यों को सरकारी खर्च पर पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। एसपी ने यह भी कहा कि मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा और दलपत परमार को आवश्यक पुलिस सुरक्षा भी दी जाएगी।
लापरवाही को लेकर पुलिस के दो बड़े अधिकारी सस्पेंड, SC-ST Act के तहत कार्रवाई
चुडा के पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) टी जे गोहिल और उनके पूर्ववर्ती जेबी मीठापारा और राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव को भी निलंबित कर दिया था। पुलिस ने यह कहते हुए कि दोनों पीएसआई को सस्पेंड किया कि वे परमारों द्वारा दायर एक आवेदन के प्रति लापरवाह थे। आरोपियों द्वारा पीड़ित परिवारों को लगातार धमकियां दी जा रही हैं।
शुक्रवार को एसपी दुधात ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि इस मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 4 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें इस अधिनियम के तहत अपेक्षित कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करने के लिए एक लोक सेवक को छह महीने से एक वर्ष तक कारावास की सजा देने का प्रावधान है।