MHA In Rajyasabha on UAPA: देश में बीते सालों में यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार किये गए लोगों की जानकारी पर एक सांसद द्वारा जानकारी मांगी गई थी। जिस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि साल 2018 और 2020 के बीच गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कुल 4,690 गिरफ्तारियां की गई हैं और 149 लोगों को इस एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है। इस एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए आधे से ज्यादा आरोपियों की उम्र 18 से 30 साल के बीच की है।

CPI सांसद ने पूछा था सवाल

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद संदोश कुमार पी द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट किए गए अपराध पर आंकड़े इकट्ठा करता है और फिर इसे ‘क्राइम इन इंडिया’ नाम की सालाना रिपोर्ट में पब्लिश करता है। इस बारे में हालिया पब्लिश की गई रिपोर्ट साल 2020 की है।”

दो सालों में UAPA के तहत अरेस्ट हुए 4,690 लोग

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने बताया कि एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों में साल 2018 से यूएपीए के तहत उम्र-वार गिरफ्तारी भी दिखाई गई है। साल 2018 और 2020 के बीच यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए कुल 4,690 लोगों में से 53 फीसदी की उम्र 18 से 30 के बीच थी, जबकि 13 ऐसे थे जिनकी उम्र 18 से कम थी और 10 की उम्र 60 साल से अधिक थी। हालांकि, राय ने कहा कि एनसीआरबी अधिनियम के तहत धर्म-वार गिरफ्तारी का रिकॉर्ड नहीं रखता है।

UAPA के तहत गिरफ्तारी के मामलों में UP टॉप पर

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के मामलों में उत्तर प्रदेश टॉप पर रहा। यूपी में साल 2018 में 479, 2019 में 498 और 2020 में 361 गिरफ्तारियां हुईं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में एक्ट के तहत साल 2018 में 177, 2019 में 227 और 2020 में यूएपीए के तहत 346 गिरफ्तारियां हुईं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के मामले में दूसरे नंबर पर रहा।

आधे से ज्यादा आरोपियों की उम्र 18 से 30 के बीच

यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के मामलों में यूपी, जम्मू-कश्मीर के बाद मणिपुर का नंबर आता हैं, जहां साल 2018 में 332, 2019 में 386 और 2020 में 225 गिरफ्तारियां हुईं। हर साल गिरफ्तार किए गए अधिकांश लोगों की उम्र 18-30 साल के बीच थी। आकंड़ों के मुताबिक, साल 2018 में 753, 2019 में 1,090 और 2020 में 645 ऐसी गिरफ्तारियां थीं, जिनमें आरोपी 18 से 30 साल की उम्र का था।