बीते साल उत्तर प्रदेश का गोरखपुर खूब सुर्ख़ियों में रहा था। कभी कानपुर के कारोबारी की एक होटल में हत्या हुई तो कभी गगहा इलाके में हुआ काजल हत्याकांड। इन दोनों ही मामलों में घेरे में प्रशासन और सरकार थी। जहां कारोबारी मनीष गुप्ता केस में खुद पुलिस वालों पर हत्या का आरोप था तो वहीं गगहा मामले में झगड़े का वीडियो बनाने के चलते एक गैंगस्टर द्वारा हत्या को अंजाम दिया गया था।
साल था 2021 और महीना था अगस्त। 20 अगस्त की रात गोरखपुर के गगहा इलाके में रहने वाले राजीव नयन सिंह का परिवार सोने की तैयारी कर रहा था। तभी रात में करीबन 11:30 बजे विजय प्रजापति नाम का एक शख्स राजीव के घर पर आ धमकता है। विजय के साथ उसके चार साथी और राजीव के घर के बाहर मौजूद थे।
दरअसल, बांसगांव कचहरी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी राजीव नयन सिंह का विजय से पैसों के लेनदेन का विवाद था। 20 अगस्त की रात चार साथियों के साथ राजीव के घर पहुंचे विजय ने दरवाजा खटखटाया। थोड़ी देर बाद जैसे ही राजीव नयन सिंह घर से बाहर आया तो चारों ने मिलकर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी।
मारपीट के बाद मची चीख पुकार के बीच राजीव के परिजन भी बाहर आ गए। साथ ही राजीव की बेटी काजल घटना का वीडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करने लगी। यह देखते ही विजय प्रजापति गुस्से में आ गया और मोबाइल छीनने के लिए उसके पीछे भागा और फिर पेट में गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर जहां लोग घटनास्थल की ओर भागे वहीं विजय प्रजापति भी अपने साथियों के साथ भाग खड़ा हुआ।
घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस, घायल काजल को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची जहां से उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। हालत ज्यादा बिगड़ने पर काजल को लखनऊ मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने काजल का ऑपरेशन किया पर पेट में फंसी गोली निकाली नहीं जा सकी और 25 अगस्त को उसकी मौत हो गई।
गोरखपुर में हुए इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला विजय प्रजापति वांछित गैंगस्टर था। उस पर 8 मामले संगीन जुर्मों के तहत दर्ज थे। इस कांड के बाद विजय और उसके जैसे ही अंडरग्राउंड हो गये प्रशासन ने इनामी राशि की घोषणा भी कर दी। जनता के भारी दबाव और विरोध के बीच 9 सितंबर को 1 लाख के इनामी विजय प्रजापति को पुलिस व स्वाट टीम ने एक एनकाउंटर में मार गिराया।
विजय प्रजापति पर हरियाणा, देहरादून, बाराबंकी और गोरखपुर में हत्या, लूट सहित कई मामलों में केस दर्ज थे। गगहा इलाके में जब पुलिस मुठभेड़ में वह मारा गया तो उसके पास से 2 पिस्टल, एक बाइक और सीबीआई का फर्जी आईकार्ड बरामद हुआ था। पुलिस के मुताबिक वह फर्जी अधिकारी बनकर भी वारदात को अंजाम देता था।