Written by Pavneet Singh Chadha
गोवा के एक प्राइवेट स्कूल के 11वीं क्लास के छात्रों के एक समूह को पिछले हफ्ते बंदरगाह शहर मोरमुगाओ की एक मस्जिद में एक कार्यशाला (Workshop) के लिए ले जाया गया था। तब से स्कूल को लेकर घमासान छिड़ा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने स्कूल मैनेजमेंट के वित्तीय लेनदेन की ईडी से जांच करवाने की मांग की है। स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। इसके बाद कई छात्र प्रिंसिपल के निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
आरोपों पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच और कार्रवाई की शिक्षा विभाग की पेशकश
सूत्रों के मुताबिक, राज्य शिक्षा विभाग ने छात्रों को कार्यशाला में भेजने और वीएचपी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया है। जानकारी के मुताबिक वीएचपी के सदस्य कार्यशाला के दो दिन बाद पिछले सोमवार (11 सितंबर) को अल्टो डाबोलिम में केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल में घुस गए थे और विरोध प्रदर्शन किया था।
सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मंदिरों, चर्चों और मस्जिदों का दौरा- प्रिंसिपल
विश्व हिंदू परिषद ने स्कूल के प्रिंसिपल पर “राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने” का आरोप लगाया और दावा किया कि कार्यशाला “छोटे बच्चों का ब्रेनवॉश करने और धार्मिक मतांतरण करने के प्रयास” की साजिश का हिस्सा थी। प्रिंसिपल शंकर गांवकर ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि स्कूल सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए वर्षों से मंदिरों, चर्चों और मस्जिदों का दौरा आयोजित कर रहा है।
विहिप के दक्षिण गोवा के संयुक्त सचिव संजीव कोरगांवकर ने क्या-क्या आरोप लगाया
हालांकि, विहिप के दक्षिण गोवा के संयुक्त सचिव संजीव कोरगांवकर ने आरोप लगाया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रों के माता-पिता को कार्यशाला के बारे में सूचित नहीं किया था। उन्होंने कहा, “मस्जिद में मजहबी काम करते और हिजाब पहने स्कूली बच्चों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। हमने यह मामला स्कूल अधिकारियों के समक्ष उठाया। यह भी पता चला है कि कार्यशाला में बैना के एक सरकारी स्कूल के छात्र शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं था और शिक्षा विभाग से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी।”
बैना सरकारी हाई स्कूल भी पहुंचे थे विहिप के सदस्य, पुलिसों ने शिक्षकों से भिड़ने से रोका
कोरगांवकर ने जिस बैना सरकारी हाई स्कूल का जिक्र किया उसके एक शिक्षक ने कहा कि उस स्कूल के 22 छात्रों का एक समूह दो शिक्षकों के साथ कार्यशाला के लिए गया था। पहचान उजागर न करने की शर्त पर शिक्षक ने कहा कि शिक्षा विभाग ने घटना के संबंध में स्कूल से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि विहिप के सदस्य स्कूल अधिकारियों से भिड़ने के लिए बैना स्कूल भी गए थे, पुलिस की एक टीम प्रदर्शनकारियों से पहले मौके पर पहुंच गई थी और यह सुनिश्चित किया था कि वहां कानून-व्यवस्था की कोई समस्या न हो।
विहिप ने शिक्षा विभाग से मांगी जानकारी, प्राइवेट स्कूल के खिलाफ ईडी और विजिलेंस जांच की मांग
विहिप के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने उन परिस्थितियों को जानने के लिए शिक्षा विभाग से संपर्क किया था जिनके तहत सरकारी स्कूल के छात्रों को कार्यशाला के लिए भेजा गया था। इसी सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन में विहिप ने कहा कि कार्यशाला में हिंदू छात्रों को “इस्लामिक रीति-रिवाज सीखने” के लिए आमंत्रित किया था। यह अनुचित और गैरजरूरी था। उन्होंने ऑल्टो डाबोलिम प्राइवेट स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और स्कूल की फंडिंग की प्रवर्तन निदेशालय और सतर्कता विभाग से जांच की मांग की।
प्रतिबंधित पीएफआई से जुड़े एक समूह के निमंत्रण पर किया गया था वर्कशॉप- विहिप का आरोप
अपनी पुलिस शिकायत में विहिप ने आरोप लगाया कि कार्यशाला का आयोजन प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े एक समूह के निमंत्रण पर किया गया था। कार्यशाला के आयोजक, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO) ने कहा कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण” है कि कार्यक्रम को कुछ लोगों द्वारा नकारात्मक रूप से चित्रित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई के पीछे राजनीतिक प्रेरणा थी।
इस्लाम के विभिन्न पहलुओं के बारे में दूसरे धर्मों के लोगों की गलतफहमी दूर करना मकसद- SIO
एसआईओ, गोवा ज़ोन ने एक बयान जारी कर कहा, “इस गतिविधि का मकसद हमेशा इस्लाम के विभिन्न पहलुओं के बारे में हिंदू और ईसाई समुदायों सहित अन्य धर्मों के हमारे साथी भाइयों की गलतफहमी को दूर करना रहा है।” बयान में कहा गया है कि संगठन को नियमित रूप से सवाल मिलते रहे हैं कि क्या महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश करने की अनुमति है? एसआईओ ने कहा कि महिलाएं मस्जिदों में प्रवेश कर सकती हैं। बयान में कहा गया है, “मस्जिद के अंदर क्या होता है, मुसलमान किससे प्रार्थना करते हैं इत्यादि से जुड़े संदेहों को दूर करने और सौहार्द की सामान्य भावना को बढ़ावा देने के लिए एसआईओ ऐसी गतिविधियों का आयोजन करता है।”
2013 बाद से कोविड काल को छोड़कर लगातार हो रहा है ऐसा वर्कशॉप- SIO सचिव
एसआईओ के गोवा क्षेत्र के राज्य सचिव यूनुस मुल्ला ने कहा कि समुदायों के बीच समझ बढ़ाने की कई पहलों के तहत 2013 से छात्रों के लिए क्षेत्र में एक मस्जिद का दौरा करने का कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले दो-तीन वर्षों से कोविड-19 के कारण कार्यशाला आयोजित नहीं हुई थी।”
मुल्ला ने कहा कि 31 अगस्त को अल्टो डाबोलिम में मस्जिद-ए-नूर मस्जिद में छात्रों को कार्यशाला में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाला एक पत्र पांच उच्च माध्यमिक विद्यालयों और एक कॉलेज को भेजा गया था। कार्यशाला को तार्किक कारणों से 9 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। बाद में दो स्कूलों केशव स्मृति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और बैना में सरकारी हाई स्कूल के कम से कम 44 छात्रों ने कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला दो घंटे से अधिक समय तक चली।
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कार्यशाला के बारे में एसआईओ ने 25 अगस्त को कई स्कूलों को भेजा था आमंत्रण पत्र
कार्यशाला के बारे में एसआईओ ने 25 अगस्त को स्कूलों को एक पत्र भेजा था, “इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच सहिष्णुता, संवाद, सहयोग और समझ को बढ़ावा देना है। यह विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के छात्रों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देगा और धर्मों और इसकी प्रथाओं के बारे में उनकी जानकारी, समझ और सम्मान को बढ़ाएगा।”
मुल्ला ने कहा, कार्यशाला के हिस्से के रूप में छात्रों को मस्जिद परिसर के चारों ओर ले जाया गया और इस्लामिक प्रथाओं और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा “मैंने उन्हें वह क्षेत्र दिखाया जहां नमाज अता की जाती है, एक मुसलमान कैसे नमाज पढ़ता है… छात्रों ने इससे जुड़े कुछ प्रश्न पूछे। यह सब शैक्षणिक था। छात्रों को एक संक्षिप्त पीपीटी (पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन) भी दिखाया गया। कार्यशाला के बाद छात्रों को जलपान भी दिया गया।”
छात्र- छात्राओं ने सम्मान के तौर पर निभाए मजहबी रस्म, किसी को मजबूर नहीं किया- आयोजक
“सम्मान के तौर पर कुछ लड़कियों ने अपने सिर को स्कूल यूनिफॉर्म के दुपट्टे से ढक लिया। कुछ लड़कों ने अपना चेहरा, हाथ और पैर धोया…किसी को भी कोई मजहबी अनुष्ठान करने के लिए मजबूर नहीं किया गया। ये आरोप झूठे हैं और वैमनस्यता पैदा करने के लिए फैलाए जा रहे हैं।” मुल्ला ने कहा कि कार्यशाला की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद “लोगों के एक वर्ग” ने अफवाह फैला दी कि छात्रों को मजहबी अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया गया था।
केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल शंकर गांवकर ने रखा अपना पक्ष
केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल शंकर गांवकर ने कहा कि चार लड़कियों सहित 22 छात्रों को कार्यशाला के लिए ले जाया गया था और उनके साथ एक शिक्षक भी थे। उन्होंने कहा, “समूह में सभी धर्मों के छात्र शामिल थे। किसी भी छात्र को कार्यशाला में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया गया। मैंने कार्यशाला का निमंत्रण स्कूल प्रबंधन के समक्ष रखा था और इस संबंध में असेंबली में एक घोषणा भी की थी। किसी भी छात्र को कोई अनुष्ठान करने के लिए नहीं कहा गया।”
उन्होंने कहा, “कई वर्षों से हम छात्रों को सभी धर्मों के बारे में शिक्षित करने और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मंदिरों, चर्चों और मस्जिदों में ऐसी यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं। यहां सभी समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं। कभी कोई मुद्दा या मनमुटाव नहीं हुआ।” वीएचपी सदस्यों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पिछले सोमवार को वास्को पुलिस ने गांवकर और मुल्ला दोनों से पूछताछ की थी।
प्रिंसिपल के निलंबन के खिलाफ स्टूडेंट का प्रदर्शन, मैनेजमेंट ने कहा- VHP की कुछ बातें ठीक
बुधवार को केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों और छात्राओं के एक समूह ने प्रिंसिपल का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर मैनेजमेंट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यशाला में भाग लेने वाले दोनों स्कूलों के पांच छात्रों ने बताया कि उन्हें कार्यशाला में भाग लेने या कोई धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए मजबूर नहीं किया गया था।
केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल के चेयरमैन पांडुरंग गांवकर ने कहा कि सोमवार को स्कूल में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों के दबाव के कारण स्कूल ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया। विहिप के विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, ”एक भीड़ स्कूल में आई थी। मैं और क्या कर सकता था?” उन्होंने कहा, “हम स्कूल में सभी समुदायों के त्योहार मनाते हैं। आज (शुक्रवार) हम गणेश चतुर्थी के अवसर पर स्कूल में पूजा कर रहे हैं।” हालाँकि, अध्यक्ष ने कहा कि “विहिप द्वारा दिए गए कुछ तर्क वैध भी हैं। पीछे मुड़कर देखने पर मुझे लगता है कि छात्रों को कार्यशाला के लिए भेजना एक गलती थी। भविष्य में, हम सावधान रहेंगे।”
प्रिंसिपल के निलंबन पर उन्होंने कहा, “हमने सरकार को एक रिपोर्ट भेज दी है और निलंबन रद्द करने का फैसला उचित समय पर लिया जाएगा। कक्षाएं सामान्य रूप से जारी हैं। हम चाहते हैं कि ये मामला अब ख़त्म हो जाए।”