आजकल हम देखते हैं कि कई सारे ऐप हैं जो बिना किसी झंझट के आसानी से लोन देने का दावा करते हैं। ऐसे में आप सावधान हो जाए, अन्यथा थोड़ी सी जल्दबाजी आप पर भारी पड़ सकती है। बता दें कि, ऐसे ही हजारों लोगों को ऐप के जरिए आसान लोन देकर ठगी करने के आरोप में चार जालसाजों को गाजियाबाद साइबर सेल और इंदिरापुरम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। यह आरोपी कर्ज चुकाने के बाद भी लोगों को धमकाते और ठगी करते थे।

जानकारी के अनुसार, हजारों लोगों को चूना लगाने वाले आरोपियों की पहचान मोहम्मद उस्मान (35), फुरकान (30), सुनील कुमार यादव (28) और बलराम गंगवार (28) के रूप में हुई है। मोहम्मद उस्मान और फुरकान दोनों भाई हैं, जबकि सुनील प्रतापगढ़ तो बलराम पीलीभीत कर रहने वाला है। हालांकि, अभी तक गिरोह के मास्टरमाइंड का पता नहीं चल पाया है।

एसपी (अपराध) दीक्षा शर्मा ने बताया कि इस मामले में कई पीड़ितों ने शिकायत की थी, फिर जांच में पुष्टि होने के बाद इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने कर्ज ली गई राशि चुका दी थी, लेकिन फिर भी उन्हें परेशान किया जा रहा था। आरोपियों के द्वारा बताए गए अपराध के तरीके के बारे में भी पुलिस ने जानकारी दी है।

एसपी (अपराध) दीक्षा शर्मा ने कहा कि मोहम्मद उस्मान और उनका भाई फुरकान, पर्सलन लोन की इच्छा रखने वाले शख्स के फोन नंबर और सोशल मीडिया पर लिंक भेजते थे। यदि कोई भी इस लिंक पर क्लिक कर ऐप डाउनलोड कर लेता था तो आरोपियों की पहुंच शख्स की संवेदनशील जानकारी (फोन नंबर, फोटो/वीडियो, गोपनीय जानकारी) तक हो जाती थी। पुलिस ऐप बनाने वाले शख्स की तलाश कर रही है।

पुलिस के मुताबिक, उन्हें ऐसी शिकायतें मिली थी जिसमें कि कर्ज चुकाने के बावजूद वसूली एजेंट पीड़ितों को परेशान कर रहे थे। फोन गैलरी से निकाली की गई उनकी निजी तस्वीरें भी उनके मोबाइल में दर्ज नंबरों में भेजी जा रही थी। आरोपी फोटो के साथ मैसेज भी भेजते थे कि इस व्यक्ति पर भरोसा न करें, क्योंकि इसने लोन लिया और चुकाया नहीं। यहां तक कि आरोपियों ने कुछ पीड़ितों को फर्जी कानूनी नोटिस भी जारी किया गया था।

साइबर सेल के प्रभारी अभय कुमार मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने ऐसे 103 ऐप की पहचान की है। जिनमें से कुछ के नाम मुख्य (रिच कैश, क्विक कैश, सुपर वॉलेट, लकी वॉलेट, स्पीड लोन, कैश फिश, रूपिया बस) हैं। इस मामले में पुलिस ने 270 बैंक खातों से 35 लाख रुपये जब्त किए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन खातों से पिछले छह महीने में करीब 500 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है।