उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लोन के पैसों को लौटाने के लिए ओला व उबर कैब को लूटने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस के अनुसार, यह गैंग केवल ओला व उबर वाले कैब को ही निशाना बनाते थे। गैंग लूट की गाड़ियों से सिक्युरिटी फीचर्स हटाकर उसे बेच देते थे। पुलिस इस मामले में सिहानी गेट पुलिस ने मुख्य आरोपी राहुल त्यागी के साथ उसके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से दो लूटी हुई कार समेत तमंचे भी बरामद हुए हैं।
व्यापार फ्लॉप हुआ तो शुरु की चोरीः पुलिस के मुताबिक, चौधरी चरण सिंह से बीए पास कर मुख्य आरोपी राहुल त्यागी करीब 10 साल तक नौकरी किया। इसके बाद उसने व्यापार करने की कोशिश की और 1 करोड़ का लोन लिया। बता दें कि वह इसके बाद इंदिरापुरम में ऑफिस खोल अमेजन और फ्लिपकार्ट में सामान बेचने लगा। कुछ महीने बाद उसे घाटा होने लगा और उसे दिसंबर 2018 में व्यापार को बंद करना पड़ा। लोन के पैसे अदा नहीं करने के कारण वह दबाव में था जिसके बाद उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कैब लूटने का काम शुरु कर दिया।
ऐसे करते थे लूटः पुलिस ने बताया कि आरोपी केवल ओला व उबर वाले को ही शिकार बनाते थे। पहले मंचाहा पैसे देकर कैब वालों को एक लंबी दूरी वाली जगह पर जाने के लिए बोलते थे। ज्यादा पैसे की लालच में कैब वाले भी जाने के लिए तैयार हो जाते थे जिसके बाद सुनसान जगह पर उनकी लूट की जाती थी। बता दें कि आरोपी फोन चार्च व फोन नहीं होने के बहाने कर उन्हें ऑफलाइन ही चलने के लिए बोलते थे। वे कैब को ऑफलाइन बुक करते थे ताकि उन्हें कोई पकड़ न सके। पुलिस ने आरोपियों की पहचान वरुण कुमार, राहुल त्यागी, अजय और राहुल के रुप में की है।
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ड्राइवर की मदद से हटाते थे सिक्युरिटी फीचर्सः बता दें कि आरोपी अपने गिरोह में एक ड्राइवर को भी रखे थे जो लूट की हुई गाड़ियों से उसके सिक्युरिटी फीचर्स को हटाता था। पुलिस के अनुसार, ओला व उबर द्वारा गाड़ियों में सिक्युरिटी फीचर्स लगाए जाते थे ताकि चोरी के बाद कंपनी उसे ट्रैक कर सके। यह आरोपी इन सिक्युरिटी फीचर्स को गाड़ियों से निकालता था जिससे कंपनी गाड़ियों को ट्रैक नहीं कर पाती थी।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तारः मामले में पुलिस को मिली एक शिकायत के बाद ही आरोपी तक पहुंचा जा सका। गिरोह द्वारा 06 सितंबर को राजनगर में एक कैब लूटी गई थी जिसकी शिकायत पुलिस में 08 सितंबर को हुई थी। बता दें कि आरोपियों ने लूटी हुई कैब को मुजफ्फरनगर के एक व्यक्ति को 1 लाख 90 हजार रुपए में बेच दी थी। इसके बाद लूट की कैब की जानकारी मिलने के बाद व्यक्ति ने कार वापस कर दी और पैसे मांगने लगा। आरोपियों ने उसे केवल 1 लाख 10 हजार रुपए ही वापस दिए और बाकी पैसों के लिए मना कर दिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस से की जिसके बाद पुलिस की जांच के बाद इस गिरोह का खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को रिवर हाइट्स गोल के पास से गिरफ्तार कर लिया है।

