उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। यहां एमआरआई मशीन में 5 साल की एक बच्ची की मौत हो गई । बच्ची का शव मशीन के अंदर लगभग दो घंटे तक पड़ा रहा। जब इसकी भनक परिजनों को हुई तो हंगामा शुरू हो गया। बच्चों को एमआरआई मशीन में रखने से पहले बेहोशी का इंजेक्शन लगाया जाता है। परिजनों का आरोप है कि बेहोशी के इंजेक्शन का ओवरडोज देने की वजह से उनकी मौत हुई।

बच्ची को लगाया बेहोशी का इंजेक्शनः जानकारी के मुताबिक जनपद फतेहपुर के किसनपुर मिलकी गढ़वा गांव के रहने चांद बाबू की बेटी सोफिया के पैर काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने पहले बेटी को फतेहपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। सोफिया को डॉक्टरों ने हैलट अस्पताल रेफर किया था। सोफिया का उपचार हैलट के बाल रोग विभाग में चल रहा था। डॉक्टरों ने सोफिया के ब्रेन और स्पाइन की एमआरआई कराने को कहा था। सोफिया की मां रूबीना , ताऊ रजब फूफा अनीश उसे लेकर हैलट परिसर में बने वेटलीज कंपनी के एपी डायग्नोसिस सेंटर ले गए। जहां पर उनसे 9 हजार रुपए जमा करा लिए गए। डायग्नोसिस सेंटर के कर्मचारियों ने बच्ची को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और उसे एमआरआई के लिए ले गए।
National Hindi Khabar, 6 September 2019 LIVE News Updates: दिनभर की तमाम खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

खत्म हो चुका था करारः परिजनों ने बताया कि लगभग दो घंटे तक बच्ची को मशीन के अंदर रखा गया। उन्होंने बताया कि पूछने पर उन्हें कोई सही जानकारी नहीं दे रहा था। सख्ती से पूछने पर डायग्नोसिस सेंटर के कर्मचारियों ने एमआरआई मशीन से निकाल कर बच्ची को थमा दिया। बेजान बच्ची की हालत देखकर उसे इमरजेंसी ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया।एपी डायग्नोसिस सेंटर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एलएलआर अस्पताल से अनुबंध था। 26 अप्रैल 2018 को यह करार समाप्त हो चुका था। इसके बाद भी ये डायग्नोसिस सेंटर चल रहा था।
Mumbai Rains, Weather Forecast Today Live Updates: मुंबई में अगले 24 घंटे भारी बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

बच्ची की मां ने लगाया आरोपः बच्ची की मां रूबीना का कहना है कि डायग्नोसिस सेंटर में प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं थे। बेटी को बेहोशी का ओवर डोज इंजेक्शन देने से मौत हुई है। उन्होने बताया कि जब बच्ची को एमआरआई के लिए ले जाया गया तो वो ठीक थी। सभी से बात कर रही थी। बच्ची के परिजनों ने उसका पोस्टमॉर्टम नहीं कराया और गुरूवार देर रात उसका शव लेकर चले गए ।