Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने साउथ दिल्ली के संगम विहार में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जिसे एक ही परिवार के लोग चला रहे थे और लोगों को क्विक ऑनलाइन लोन देने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे।
नॉर्थ दिल्ली पुलिस को मिली थी शिकायत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को 3 सितंबर को नॉर्थ दिल्ली के सदर बाजार के रहने वाले शुऐब से शिकायत मिली। उन्होंने बताया कि लोन की तलाश में अलग-अलग बैंकों से कॉन्टैक्ट करते समय, उन्हें 25 अगस्त को एक अनजान नंबर से WhatsApp कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को लोन एजेंट बताया और डॉक्यूमेंट्स के साथ फाइल प्रोसेसिंग चार्ज के तौर पर ₹2,750 मांगे।
पेमेंट करने के बाद, कॉल करने वाले ने झूठा दावा किया कि लोन मंजूर हो गया है और जल्द ही क्रेडिट कर दिया जाएगा। अगले दिन, शुऐब को बताया गया कि लोन अनसिक्योर्ड कैटेगरी में आता है और इसके डिस्बर्सल के लिए ₹11,800 की जरूरत होगी। बाद में उनसे स्टैंप ड्यूटी के लिए अतिरिक्त ₹6,000 देने को कहा गया।
ठग अलग-अलग बहाने से शिकायतकर्ता से संपर्क करते रहे और आखिरकार उससे कुल ₹36,050 ठग लिए। ठगी की गई रकम UPI के जरिए हिमांशु कुमार के नाम के एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई थी। शिकायत के बाद, DCP (नॉर्थ) राजा बंथिया ने एक टीम बनाई, जिसने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDRs), IMEI डेटा और कई बैंक अकाउंट्स में पैसे के लेन-देन की डिटेल में जांच की।
जांच के आधार पर, 11 दिसंबर को संगम विहार में छापा मारा गया, जिससे सुरेश कुमार (62) को गिरफ्तार किया गया, जो फर्जी कॉल सेंटर का डायरेक्टर पाया गया।
लगातार पूछताछ के दौरान, सुरेश ने अपने बच्चों – हिमांशु कुमार, मोहित कुमार, रोहित कुमार और मधु रानी – की संलिप्तता का खुलासा किया, जो कथित तौर पर कॉल सेंटर चला रहे थे और मैनेज कर रहे थे। छापे के समय, चारों फरार थे। बाद में वे जांच में शामिल हुए और पूछताछ के बाद उन्हें बॉन्ड पर छोड़ दिया गया।
सुरेश ने आगे बताया कि उनका बेटा हिमांशु कई सालों से लोन और इंश्योरेंस से जुड़े काम में लगा हुआ था और उसने अवैध मुनाफा कमाने के लिए भोले-भाले लोगों को फर्जी लोन और इंश्योरेंस सेवाएं देने के लिए कॉल सेंटर शुरू करने का प्रस्ताव दिया था।
