हरियाणा के फरीदाबाद में दलित की बेटी की बारात को ऊंची जाति के लोगों ने शनिवार रात अपने घर के सामने से जाने से कथित रूप से मना कर दिया। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। घर के सामने से बैंडबाजा और डीजे भी नहीं निकलने दिया। विवश होकर लड़के वाले दूसरे रास्ते से बारात लेकर गए। घटना फरीदाबाद से सटे भूपानी इलाके के भसकौला गांव की है। इस दौरान दोनों पक्ष के लोग आमने सामने आ गए। पुलिस ने किसी तरह रात में ही समझा-बुझाकर मामला संभाला।
रास्ते में खड़ा कर दिया ट्रैक्टर : दुलहन के पिता के मुताबिक उनकी बेटी की बारात सेहतपुर से आई थी। चढ़त की रस्म शुरू हुई तो पड़ोसी गांव महावतपुर के राजपूत समुदाय के दबंगों ने यह कहकर विरोध किया कि उनके दरवाजे के सामने से बारात न निकाली जाए। उन लोगों ने रास्ते में ट्रैक्टर खड़ा कर दिया। अपशब्द भी कहे और मारपीट पर आमादा हो गए। दूसरी ओर, राजपूत समुदाय का कहना है कि उन्होंने बारात रोकी नहीं थी, बल्कि डीजे की आवाज कम करने के लिए कही थी। बराती उसे कम करने को तैयार नहीं थे।
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सुबह थाने पर डाला डेरा : इस घटना के विरोध में विवाद रविवार सुबह भी जारी रहा। दलित समुदाय के लोग भूपानी थाने में डेरा डाल दिए। साथ में कुछ संगठन भी थे। पुलिस ने सरपंच की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच आमने-सामने बैठक कराई और शांति कायम रखने पर सहमति जताई। एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
कुछ दिन पहले मंदिर के दरवाजे पर लगा दिया था ताला : स्थानीय दलित समुदाय के लोगों का कहना है कि यह घटना पहली नहीं है। कुछ दिन पहले मंदिर के दरवाजे पर ताला लगा दिया गया था, ताकि वे लोग अंदर न जा सकें। समुदाय के सुरेंद्र ने बताया कि उनके बेटे की घुड़चढ़ी के दौरान भी डीजे पर पत्थर चले थे। कल्लू के साथ जाटव समाज ने भी पुलिस को शिकायत दी है।
