राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के एक छोटे से गांव के रहने वाले आनंदपाल ने साल 2006 में राज्य में अपराध की दुनिया में कदम रखा। बताया जाता है कि आनंदपाल सिंह ने उस वक्त डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोली मार कर हत्या कर दी थी। आनंदपाल जुर्म की दुनिया का बादशाह बनना चाहता था। इस महत्वकांक्षा ने आनंदपाल सिंह को ऐसा खूंखार अपराधी बनाया जो कई बरसों तक पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा।
आनंदपाल सिंह कितना बड़ा अपराधी था यह जानने के लिए एक नजर डालते हैं उसके कुछ बड़े गुनाहों की एक लिस्ट पर
-सीकर में हुए गोपाल फोगावट हत्याकांड में भी उसी का हाथ बताया जाता है। ये मामला विधानसभा में उठा था।
-जून, 2011 में उसने बीकानेर के सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलीबारी की थी। तीन लोग घायल हुए थे। आरोप था कि उसी दिन उसने गनौड़ा जगह में शराब ठेके पर सेल्समैन के भाई को मार दिया।
-पहले वह बीकानेर और फिर अजमेर जेल में बंद था। 3 सितंबर 2015 को आनंदपाल और उसके साथी सुभाष मूंड की नागौर कोर्ट में पेशी थी। पुलिस वैन में उसे फिर अजमेर सेंट्रल जेल लाया जा रहा था।
-आनंदपाल ने लौटते हुए पुलिस वालों को मिठाई खिलाई जिससे उन्हें नशा आ गया। आगे उसके साथियों ने सड़क रोक ली और गोलियां चलाते हुए उसे भगाकर ले गए। इसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया था।
बताया जाता है कि गैंगस्टर आनंदपाल पाल को बुलेट प्रूफ जैकेट पहन खून की होली खेलने का शौक था। आनंदपाल ने बीकानेर जेल में अपने विरोधियों पर खूनी हमला कर गोलियों से छलनी कर दिया था। सिंह ने अपने गैंग में 200 लोगों की फौज बना ली थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया जाता है कि एक वक्त 10 से ज्यादा आईपीएस अधिकारी औऱ 3000 से ज्यादा पुलिसवाले तथा राजस्थान, मध्य प्रदेश और यूपी के राज्यों की पुलिस कई दिनों तक उसकी तलाश करती रही।
साल 2017 में पुलिस ने आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर कर उसे ढेर कर दिया। एनकाउंटर के वक्त मौजूद पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रात करीब नौ बजे पुलिस के 30—35 कमांडों और जवानों के साथ चुरू और नागौर के पुलिस अधिकारियों के साथ रतनगढ़ के मालासर पहुंचे और वहां श्रवण सिंह के मकान को घेर लिया। पहुंचते ही सबसे मकान के पास खड़ी उसकी गाड़ी को पंचर कर दिया तथा उस वक्त घर में आनंदपाल के साथ—साथ तीन महिलाएं और तीन पुरुष तथा कुछ बच्चे मौजूद थे। ये सभी ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरों में रह रहे थे। इन सभी को एक कमरे में बंद कर दिया।
इसके बाद आनंदपाल सिंह ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस के अनुसार आनंदपाल ने 100 राउंड फायर एके 47 से किए। पुलिस की ओर से 50 राउंड फायर की बात कही जा रही है, लेकिन कुछ लोग इससे कहीं ज्यादा राउंड फायर होने के दावे करते रहे। इसी मुठभेड़ में आनंदपाल सिंह मारा गया।