अंगड़िया जबरन वसूली मामले में निलंबित (Suspend) होने के एक साल से अधिक समय बाद आईपीएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बहाल कर दिया है। अंगड़िया को अपना कारोबार चलाने की इजाजत देने के लिए कथित तौर पर 10 लाख रुपये की मासिक रिश्वत की मांग करने के आरोप में सौरभ त्रिपाठी अंगड़िया जबरन वसूली मामले में वांछित थे। महाराष्ट्र के एक मंत्री ने कहा, ”निलंबन रद्द कर दिया गया है और उन्हें जल्द ही नई पोस्टिंग दी जाएगी। यह एक गैर-कार्यकारी पोस्टिंग होगी।”
क्या है अंगड़िया रंगदारी वसूली का पूरा मामला
आईपीएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी पिछले साल मुंबई जोन II के पुलिस उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे, जब एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उनके साथ तीन अन्य पुलिसकर्मी भी अंगड़िया रंगदारी वसूली के मामले में फंसे थे। दक्षिण मुंबई में अंगड़ियाओं से 19 लाख रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में शामिल इंस्पेक्टर ओम वांगटे ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उन्होंने सौरभ त्रिपाठी के निर्देशों पर काम किया था। वांगटे के खुलासे के बाद पिछले साल 9 मार्च को उनका नाम जोड़ा गया था।
18 फरवरी, 2022 को एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज
भुलेश्वर अंगड़िया एसोसिएशन की शिकायत के आधार पर 18 फरवरी, 2022 को एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। ओम वांगटे के साथ, इंस्पेक्टर नितिन कदम और सहायक इंस्पेक्टर समाधान जामदादे पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की जबरन वसूली, डकैती और गलत तरीके से रोकने से संबंधित धाराओं का आरोप लगाया गया था।
एफआईआर में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ क्या कहा गया था
एफआईआर में कहा गया है कि तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण) द्वारा प्रारंभिक जांच में पाया गया कि तीनों ने दिसंबर 2021 के पहले सप्ताह में आयकर विभाग को रिपोर्ट करने की धमकी देकर दक्षिण मुंबई के अंगड़िया से कथित तौर पर 19 लाख रुपये की उगाही की थी। तत्कालीन डीसीपी त्रिपाठी अगले दिन लापता हो गए और पिछले साल नवंबर में अदालत के आदेश के आधार पर पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश हुए। तीनों अधिकारियों को 16 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।