देश के जाबांज अफसरों की इस कड़ी में आज बात एनकाउंटर की सेंचुरी पूरी करने वाले सुपर कॉप प्रदीप शर्मा की। नासिक स्थित महाराष्ट्र पुलिस एकाडेमी के 1983 बैच के इस अधिकारी के नाम कई बड़े-बड़े कारनामे दर्ज हैं। हालांकि उनपर भ्रष्टाचार, फर्जी एनकाउंटर और अंडरवर्ल्ड से संबंध के आऱोप भी लगे। उस वक्त Time magazine ने ‘India’s Dirty Harry’ टर्म का इस्तेमाल भी किया था।

प्रदीप शर्मा ने जब मुंबई में कदम रखा, तब अंडरवर्ल्ड अपने चरम पर था। दाउद इब्राहिम, छोटा राजन जैसे नामी अपराधी पुलिस की हिट लिस्ट में थे। शर्मा ने आते ही अंडरवर्ल्ड पर अपनी नजरें टेढ़ी करना शुरू कर दी। उन्होंने आते ही दो नामी बदमाशों का एनकाउंटर किया था।

एनकाउंटर की सेंचुरी

कहा जाता है कि प्रदीप शर्मा के नाम 100 से भी ज्यादा एनकाउंटर दर्ज है। साल 2008 में उन्हें बर्खास्त भी किया गया था। उस वक्त Intelligence Bureau (IB) ने दावा किया था कि प्रदीप शर्मा और दाउद के गुर्गे छोटा शकील के बीच फोन पर बातचीत हुई थी और आईबी ने इस बातचीत को टैप करने की बात कही थी। हालांकि साल 2009 में Maharashtra Administrative Tribunal (MAT) ने उन्हें दोबारा बहाल कर लिया था।

फर्जी मुठभेड़ के मामले में गए जेल

इसके बाद साल 2010 में प्रदीप शर्मा पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप भी लगा। लखन भइया नाम के एक शख्स को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराने के आऱोपों में वो 4 साल तक जेल में भी बंद रहे। लेकिन साल 2013 में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी भी कर दिया था। साल 2017 में पुलिस विभाग में उनकी वापसी हुई और वो थाणे पुलिस के Anti-Extortion Cell के वरिष्ठ अधिकारी बने।

शिवसेना में हुए शामिल

चार्ज लेने के एक महीने के अंदर ही प्रदीप शर्मा ने दाउद के छोटे भाई और वांटेड गैंगस्टर इकबाल कास्कर को पकड़ने में सफलता हासिल की। अपनी सेवा पूरी होने से 9 महीने पहले ही प्रदीप शर्मा ने रिटायरमेंट ले लिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि वो 10 प्रतिशत राजनीति करेंगे और 90 प्रतिशत सोशल वर्क। प्रदीप शर्मा ने पुलिस की नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद शिवसेना का दामन थामा। पालघर जिले के नालासोपारा सीट से बहुजन विकास अघाड़ी के विधायक क्षितिज ठाकुर के खिलाफ मैदान में भी उतरे। हालांकि इस चुनाव में उनकी हार हुई थी।

उत्तर प्रदेश में जन्मे और धुले (महाराष्ट्र) में आकर बसे प्रदीप शर्मा की महाराष्ट्र पुलिस में सेवा मई 2020 तक थी। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने वर्ष 1983 में बतौर सब इंस्पेक्टर मुंबई पुलिस ज्वाइन की। प्रदीप शर्मा ने अपनी नौकरी की शुरुआत माहिम पुलिस थाने से की थी। इसके बाद इनका ट्रांसफर कुछ वर्षों के लिए स्पेशल ब्रांच में किया गया। प्रदीप शर्मा पर घाटकोपर और जुहू पुलिस स्टेशन जैसे बड़े थानों का भी चार्ज रहा। बताया जाता है, उस वक्त घाटकोपर थाने का चार्ज लेने से हर पुलिस वाला घबराता था, लेकिन प्रदीप के आने के बाद से अपराधियों ने उस इलाके से किनारा कर लिया।