Elvis Yadav Rave Party: नोएडा रेव पार्टी में सांपों और जहर के इस्तेमाल को लेकर पुलिस बिग बॉस विजेता और यू ट्यूबर एल्विश यादव सहित 6 लोगों के खिलाफ जांच कर रही है। आरोप है कि इन पार्टियों में जहरीले सांपों का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वे इन पार्टियों के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करवाते थे। वे इस तरह के गिरोह से जुड़े हुए हैं। हालांकि अभी इस मामले में जांच जारी है। असल में इस रेव पार्टी की खुलासा पुलिस ने स्टिंग ऑपरेशन के बाद किया था। इस बारे में मेनका गांधी की संस्था पीएफए के एक अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 3 नवंबर को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था।

यह केस सामने आने के बाद आम लोगों के मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर रेव पार्टी में सापों का क्या काम? आखिर सांपों से नशा कैसे हो सकता है। फिर सापों के जहर का इस्तेमाल नशा के लिए कैसे किया जाता है। सभी को तो यही पता है कि सांप के काटने से जान जा सकती है क्योंकि इसका विष जहरीला होता है। इस आर्टिकल में हम आपके सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं कि आखिर सापों का इस्तेमाल नशे के लिए कैसे किया जाता है? असल में इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण हैं।

  1. -सापों का इस्तेामल नशा के लिए किया जाता है।
  2. -आखिर सांप का जहर कितना शक्तिशाली होता है।
  3. -इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हैं।

कथित तौर पर सांप के जहर का इस्तेमाल नशा पैदा करने के लिए किया जाता था। पुलिस ने इस मामले में पांच कोबरा समेत नौ सांपों को बचाया है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के कब्जे से लगभग 20 मिलीलीटर सांपों का जहर बरामद किया गया है। आखिर सांप का जहर कितना शक्तिशाली होता है? आखिर नशे के लिए शराब की जगह सापों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। दुनिया भर में सापों का इस्तेमाल नशे के लिए आखिर कैसे किया जाता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, सांप का जहर शराब की तरह नशा पैदा नहीं करता है लेकिन यह नर्वस सिस्टम पर ऐसा असर करता है जिससे शरीर के अंदर कई अलग लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिसे नशा माना जाता है। माना जाता है कि इसका असर 6-7 दिनों तक रहता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स के कारण होता है जो न्यूरोट्रांसमिशन पर प्रभाव डाल सकता है। रिसर्च के अनुसार, जब सांप का जहर आपके ब्लड फ्लो में जाता है तो यह सेरोटोनिन, ब्रैडीकाइनिन और अन्य पदार्थ जैसे जैसे रसायनों को छोड़ता है। इसका शरीर में धीरे-धीरे असर होता है। इनमें से कुछ रसायन आपके दिमाग पर प्रभाव डाल सकते हैं। जिससे आपको नींद या शांति महसूस हो सकती है।

कैसे लेते हैं सांप का जहर

रिपोर्ट के अनुसार, जहर का नशा करने से पहले सांप को कैमिकल का इंजेक्शन दिया जाता है। इसके बाद नशा लेने वाला खुद को सांप से होंठ और जीभ पर कटवाता है। ऐसा करने से उन्हें किक मिलता है। इसके बाद जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। जिसका शरीर और मन में गहरा प्रभाव पड़ता है।

कोबरा की है डिमांड

इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन में कहा गया है कि सभी सापों के दंश के लगभग 60% मामले ड्राय होते हैं। वहीं कोबरा का जहर मॉर्फिन (यह एक ऐल्केलॉइड है) के नशे से मिलता जुलता है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में सापों के जहर का इस्तेमाल बढ़ा है। इस नशे के लिए कोबरा, करैत, दो मुंहे सांपों आदि का इस्तेमाल होता है।