Dumka killing: झारखंड के दुमका में 12वीं की छात्रा पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी लेकिन 23 अगस्त को उसके अरमानों पर पानी तब फिर गया, जब उसे शाहरुख नाम के एक स्टॉकर ने जिंदा जलाने की कोशिश की। पीड़िता के गहरे जख्मों ने दोबारा उसे अपने पैरों पर खड़े होने नहीं दिया और रविवार, 28 अगस्त की तड़के उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में आरोपी शाहरुख व उसके साथी को दबोच लिया गया है। जबकि प्रदेश सीडब्ल्यूसी (CWC) ने कहा कि पीड़िता नाबालिग थी, इसलिए शाहरुख पर पॉस्को एक्ट (POCSO) की धाराएं लगेंगी। बता दें कि, पुलिस ने पीड़िता को बालिग बताया था।

शाहरुख करता था पीड़िता को परेशान

इस मामले में आरोपी शाहरुख पीड़िता पर बात करने का दबाव बनाता था। जब उसने आरोपी की बात से इनकार किया तो 23 अगस्त की तड़के शाहरुख नाम के युवक ने जिंदा जला दिया था। आरोप के मुताबिक, पीड़िता के कमरे में शाहरुख खिड़की के रास्ते घुसा और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। पीड़िता पांच दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ती रही लेकिन रविवार, 28 अगस्त की तड़के उसने आखिरी सांस ली।

लड़खड़ाती जुबान से बताई थी आखिरी इच्छा

दुमका कांड में पीड़िता का एक वीडियो भी वायरल है. जिसमें वह आपबीती बयां कर रही है। पीड़िता कहती है कि आरोपी ने करीब 10 दिन पहले उसके मोबाइल पर फोन किया और उसे अपना दोस्त बनने के लिए कहने लगा। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे 22 अगस्त को धमकी भी दी कि अगर वह बात नहीं करेगी तो उसे मार डाला जाएगा।

पीड़िता ने बताया कि “रात का खाना खाने के बाद, हम सो गए। मैं दूसरे कमरे में सो रही थी। मंगलवार की सुबह, मुझे अपनी पीठ में जलन और दर्द सा महसूस हुआ। जब मैंने अपनी आंखे खोली तो मैंने उसे (आरोपी) भागते हुए पाया। इसके बाद मैं दर्द से चिल्लाते हुए अपने पापा के कमरे में गई जहां उन्होंने आग को बुझाया और वह मुझे अस्पताल ले गए। वीडियो में पीड़िता यह भी कहती दिखती है उसकी वजह से हम मर रहे, उसके साथ भी वैसा ही हो।

बनना चाहती थी पुलिस अफसर, कैंसर के चलते खो चुकी थी मां

पीड़िता एक गर्ल्स स्कूल में बारहवीं की छात्रा थी और वह एक पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी। बचपन में कैंसर के कारण अपनी मां को खोने के बाद, पीड़िता के परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी अधिकतर जमापूंजी मां के इलाज में लगा दिया। यहां तक कि जमीन और संपत्ति भी बेचनी पड़ी। पिता की दिहाड़ी कम थी लेकिन दुमका पीड़िता बच्चों को ट्यूशन देकर महीने में हजार रुपये कमा लेती थी। पीड़िता का एक 6 साल भाई है जो दुमका में दो कमरों के घर में पिता के साथ रहता है।