हम सब लोगों ने फिल्मों में देखा है कि कोई जासूस किन अलग-अलग तरीकों से किसी केस को सुलझाने की कोशिश करता है। इसी क्रम में हम आपको देश की उस लेडी शेरलॉक होम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका नाम रजनी पंडित है। रजनी के बारे में कहा जाता है कि वह तीन दशक के करियर में करीबन 80 हजार छोटे-बड़े केस सुलझा चुकी हैं। रजनी देश की पहली महिला जासूस हैं और कई पुरस्कारों से नवाजी भी जा चुकी हैं।

महाराष्ट्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 1962 में जन्मीं रजनी पंडित के पिता सीआईडी (CID) में थे। बचपन से उन्हें जासूसी उपन्यास और पिता के द्वारा सुनाई जाने वाली आपराधिक कहानियों में दिलचस्पी थी। स्कूलिंग ख़त्म हुआ तो रजनी कॉलेज पहुंची। 22 साल की उम्र में उन्हें लगा कि अब समय अपने पैरों पर खड़ा होने का है। ऐसे में रजनी ने एक ऑफिस में पार्ट टाइम क्लर्क की नौकरी कर ली।

इसी दौरान उन्हें पता चला कि एक सहकर्मी महिला के पैसे लगातार गायब हो रहे हैं और उसे अपनी बहू पर चोरी का संदेह था। ऐसे में रजनी ने महिला से बात कर मदद करने की कोशिश की। जब रजनी ने पूरे मामले को देखा तो समझ आया कि चोर तो महिला का बेटा ही था, जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस तरह उन्होंने प्राइवेट जासूस के तौर पर अपना पहला केस सुलझाया था।

जब रजनी के केस की चर्चा मीडिया में हुई तो उनके परिजनों को रजनी के काम के बारे में पता चला। उनके पिता ने उन्हें समझाया कि यह बड़ा ही जोखिम भरा काम है लेकिन रजनी नहीं मानी। रजनी का नाम हो चुका था और लोग उसे अपने कामों के लिए अप्रोच करने लगे थे। इसी दौरान उन्होंने नौकरानी बनकर एक हत्या का केस सुलझाया जिसने उन्हें देश की पहली महिला जासूस के रूप में पहचान दी।

अवैध संबंधों के चलते किये गए पिता-पुत्र के मर्डर के केस में रजनी को 6 महीने तक नौकरानी बनकर काम तो करना ही पड़ा बल्कि उन्हें अपना पैर काटकर अपनी जान भी बचानी पड़ी थी। कई मामलों को सुलझाने के बाद रजनी ने साल 1991 में मुंबई के माहिम इलाके में रजनी पंडित डिटेक्टिव सर्विसेज के नाम से एक जासूसी फर्म खोली, जिसमें तीन दर्जन से ज्यादा लोग काम करते हैं।

रजनी के मुताबिक, उन्होंने तीन दशकों में करीब 80 हजार छोटे-बड़े केस सुलझाए हैं। रजनी पंडित को 50 से ज्यादा अवार्डों से भी नवाजा जा चुका है। हालांकि, वह साल 2018 में विवादों में घिर गई थी; जब उनकी एजेंसी पर कथित तौर पर अवैध रूप से कॉल डिटेल निकालने और बेचने का आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें करीब 40 दिन जेल में बिताने पड़े थे।