दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक कथित इंटरनेशनल ड्रग्स गिरोह का खुलासा किया है। स्पेशल सेल ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, साथ ही 40 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की दस किलोग्राम हेरोइन बरामद की है। पुलिस के अनुसार, गिरोह के दोनों सदस्यों की पहचान नजीर उर्फ ​​नाजिम और दिनेश सिंह के रूप में हुई है।

मामले की जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जसमीत सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्य हेरोइन की तस्करी म्यांमार से मणिपुर के रास्ते भारत में करते हैं। डीसीपी ने कहा, आरोपियों के पास से एक कार भी बरामद की गई है, जिसमें ड्रग्स को छुपाने और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए एक चैंबर बना हुआ है। हालांकि दोनों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

डीसीपी जसमीत सिंह के अनुसार, बीते 24 मार्च को स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि ड्रग्स गिरोह के दो सदस्य झारखंड से हेरोइन की एक बड़ी खेप लेकर आएंगे। सूचना में बताया गया था कि दोनों सदस्य आईएसबीटी सराय काले खां में गिरोह से जुड़े अपने किसी एक अन्य सदस्य को यह प्रतिबंधित सामान सौपेंगे। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ड्रग सप्लायर्स ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह एक बड़े इंटरनेशनल ड्रग्स गिरोह के सदस्य हैं।

पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वह बीते 5 सालों में दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्सों में नशीली दवाओं की आपूर्ति में लिप्त थे। वह झारखंड के जिला चतरा, झारखंड के एक व्यक्ति से बरामद हेरोइन खरीद कर ला रहे थे। दोनों ने यह भी बताया कि उनको हेरोइन उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति के म्यांमार और मणिपुर में संबंध हैं।

डीसीपी सिंह ने कहा, म्यांमार से मणिपुर में लाई गई अधिकांश हेरोइन को असम और अरुणाचल प्रदेश के आस-पास के राज्यों में भेजा जाता है। फिर दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में इसे ले जाया जाता है। उन्होंने कहा मामले की जांच के दौरान, यह पता चला है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और मणिपुर में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अवैध रूप से खेती की गई अफीम से हेरोइन भी बनाई जाती है। साथ ही गिरफ्तार किए गए नशीली दवाओं के तस्करों ने आगे खुलासा किया है कि वे झारखंड से हेरोइन खरीदते थे।