उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक दलित महिला को मंदिर में घुसने से रोकने का मामला सामने आया है। पीड़िता ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की है। उसने बताया कि जाति का हवाला देते हुए उसे मंदिर में नहीं घुसने दिया गया। इस संबंध में सिहानी गेट थाना पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुजारी के बेटे पर लगाया आरोप: पीड़िता का आरोप है कि पुजारी के बेटे ने उसे मंदिर में घुसने से रोक दिया। इस दौरान पुजारी के बेटे ने जातिसूचक गालियां दीं। साथ ही, महिला को लात भी मारी। करीब 50 वर्षीय महिला ने मामले की जानकारी घर पहुंचकर अपने परिजनों को दी। इसके बाद महिला के रिश्तेदार मंदिर पहुंच गए। वहीं, पुलिस से शिकायत करने से पहले उन्होंने वहां हंगामा किया।
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सिहानी गेट थाना पुलिस कर रही जांच: दलित महिला की शिकायत की जांच इंस्पेक्टर प्रजांत त्यागी को सौंपी गई है। सिहानी गेट थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिजनौर में भी आया था ऐसा ही मामला: बता दें कि मई 2019 के दौरान उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि एक दलित दूल्हे व उसके रिश्तेदारों को मंदिर में उस वक्त घुसने नहीं दिया गया था, जब वह अपनी शादी से पहले भगवान का आशीर्वाद लेने जा रहा था। इस मामले में दूल्हे के पिता ने केस दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि बदमाशों ने उन्हें मंदिर में घुसने से रोका। साथ ही, दूल्हे के गले से नोटों की माला व उसकी अंगूठी भी छीन ली थी।
4 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस: अमरोहा में दलित शोभित जाटव व उसके परिजनों को मंदिर में घुसने से रोकने के आरोप में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 323 के तहत कार्रवाई की गई। हालांकि, पुलिस के कुछ अधिकारियों का दावा था कि यह 2 परिवारों के बीच का विवाद था, न कि जातिगत लड़ाई।

