भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नाम का दुरुपयोग कर ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। मध्य प्रदेश पुलिस के साइबर दस्ते ने बुधवार (04 सितंबर) को पिता-पुत्र को नई दिल्ली से धर दबोचा है। बता दें कि राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपियों की पहचान अभिषेक दीवान (28) और हरीश दीवान (53) के रूप में हुई है। पिता-पुत्र पर उस ऑनलाइन ठगी गिरोह से जुड़े होने का आरोप है जो आरबीआई के नाम का दुरुपयोग कर देश भर के लोगों को चूना लगा रहा है। वहीं इस मामले में पुलिस उनसे और भी पूछताछ कर रही है।
ऐसे करते थे ठगीः पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘इस तरह की ऑनलाइन ठगी के एक मामले की हम जांच कर रहे हैं। इसमें गिरोह ने नजदीकी शहर उज्जैन के निवासी प्रमोद कुमार को झांसा देकर चूना लगाया था। वे लोगों को कहते थे कि आरबीआई की एक योजना के तहत उन्हें 1.68 करोड़ रुपए के लाभ के लिए चुना गया है। लेकिन यह लाभ हासिल करने के लिए उन्हें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के रूप में सरकारी खजाने में राशि जमा करनी होगी।’ उन्होंने यह भी बताया, ‘ठग गिरोह से जुड़ी एक युवती ने कुमार को फोन कर कहा कि वह आरबीआई गवर्नर के निजी स्टाफ में शामिल है। इस लड़की ने केंद्रीय बैंक की फर्जी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर उनसे अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि जमा कराई।’
National Hindi News, 4 September 2019 LIVE Top Headlines Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
पुलिस को फर्जी आरबीआई की निजी स्टाफ की खोजः पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के अलग-अलग लोगों ने कुमार को वर्ष 2014 से 2018 के बीच लगातार फोन किए और उनसे 24 बार में कुल 23.62 लाख रुपए जमा करा लिए थे। बता दें कि जब जमाकर्ता को अपने ठगे जाने का अहसास हुआ, तो उसने आखिरकार साइबर पुलिस की शरण ली। सिंह ने बताया कि ठग गिरोह के एक प्रमुख सदस्य और खुद को आरबीआई गवर्नर के निजी स्टाफ की सदस्य बताने वाली युवती की तलाश जारी है। साइबर पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।