आज के समय में इंटरनेट और स्मार्टफोन लोगों के लिए आम जरूरत सा हो गया है। डिजिटल दुनिया में अधिकतर लोग मोबाइल फोन के जरिए ही ऑनलाइन लेन-देन और नेट बैंकिंग का काम आसानी से कर पाते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि हर चीज के फायदे ही हो इसलिए इंटरनेट और मोबाइल पर दर्ज डाटा कभी-कभी नुकसानदेह भी होता है। ऐसे में साइबर अपराधी इन्हीं आसान सी गलतियों का फायदा उठाकर लोगों के साथ जालसाजी को अंजाम देते हैं।
साइबर अपराधी आजकल ठगी के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। कभी वह आपको लुभावने डिस्काउंट ऑफर के नाम पर फंसाते हैं तो कभी वह आपको स्पैम लिंक भेज कंप्यूटर या मोबाइल फोन को हैक करने की कोशिश करते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिनसे आप खुद को ठगी का शिकार होने से बचा पाएंगे।
सोशल मीडिया पर न शेयर करें निजी जानकारी: आज के समय में अक्सर लोग बैंकिंग से जुड़ी समस्याओं के लिए संबंधित बैंक को सोशल मीडिया हैंडल पर टैग करके निजी जानकारी शेयर कर देते हैं। जल्दबाजी में समस्या के समाधान के लिए लोग बैंक पासबुक की फोटो या खाते से जुड़ी जानकारी साझा कर देते हैं। ऐसे में साइबर ठग व्यक्ति को ठगी का शिकार बना लेते हैं, इसलिए कभी भी खाते से संबंधित जानकारी किसी प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर न करें।
अनजान व्हाट्सएप कॉल से रहें दूर: ठगी को अंजाम देने वाले अपराधियों ने आज के समय में यह नया तरीका खोज निकाला है। जिसमें किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल की जाती है, जैसे ही कोई व्यक्ति इस कॉल को उठाता है तो सामने न्यूड लड़की दिखती है। इसके बाद फिर अनजान नंबर वाला अपराधी उस कॉल के स्क्रीनशॉट भेजकर पैसे की मांग करता है। यदि कोई पैसा देने से मना करता है तो तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देता है; इसे साइबर सेक्सटॉर्शन कहते हैं। ऐसे में किसी भी अनजान नंबर से वीडियो कॉल आने पर कॉल रिसीव न करें।
आसान पासवर्ड बनाने से बचें: साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लोग अधिकतर अलग-अलग जगहों पर एक ही तरह का पासवर्ड रखते हैं। कई लोग अपने जन्मदिन या फोन नंबर से जुड़े पासवर्ड बना लेते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने बैंकिंग एप और डिजिटल पेमेंट से जुड़े एप के पासवर्ड नियमित तौर पर बदलने चाहिए। साथ ही मुश्किल पासवर्ड रखने चाहिए जिनमें नंबर, सिंबल का कॉम्बो हो।
अनजान UPI आईडी से रहें सतर्क: देश में जब से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का तरीका आया है, तब से लोग डिजिटल लेन-देन के लिए इसे आसान तरीका मानते हैं। हालांकि, अब साइबर अपराधी भी इसे ठगी का हथियार बना चुके हैं। इस तरीके में जालसाज लोगों को पैसों का लालच देकर मनी रिक्वेस्ट का लिंक भेजता है। यूजर जैसे ही इस लिंक पर क्लिक करता है खाते से पैसे निकलना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में किसी भी अनजान UPI आईडी को तुरंत ब्लॉक करके खुद के खाते को सुरक्षित रख सकते हैं।