नोटबंदी के दौरान हुए एक घोटाले को लेकर आर्मी के ले.कर्नल का कोर्ट मार्शल होने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के दौर में ले.कर्नल ने 2.47 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों में बदलवाने को लेकर गड़बड़ी की थी। इसी को लेकर उन्हें अब दोषी ठहराया गया है।

चंडीमंदिर सैन्य स्टेशन पर एक जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) ने 2016 में हुए नोटबंदी के बाद मुद्रा विनिमय घोटाले में सेना डाक सेवा के एक लेफ्टिनेंट कर्नल को दोषी ठहराया है। जानकारी के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर कुमार सिंह को आधिकारिक दस्तावेजों में हेराफेरी करने और झूठे बयान देने के दो आरोपों में दोषी पाया गया है। उन्हें पेंशन संबंधी उद्देश्यों के लिए दो साल की सेवा जब्ती करने की सजा सुनाई गई है। अधिकारी को उसके खिलाफ तीसरे आरोप से बरी कर दिया गया है जो जालसाजी के लिए उकसाने से संबंधित था।

कोर्ट-मार्शल का फैसला और जो सजा दी गई है, उसे अब कोर्ट-मार्शल के संयोजक प्राधिकारी द्वारा पुष्टि करनी होगी। चंडीमंदिर में एएससी सप्लाई डिपो के कमांडेंट कर्नल बीएम चेरियन छह अन्य अधिकारियों के साथ ट्रायल के पीठासीन अधिकारी थे। रिकॉर्ड के अनुसार, घोटाला तब हुआ जब लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर कुमार सिंह 1 सेंट्रल बेस पोस्ट ऑफिस के कार्यवाहक कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे।

अधिकारी पर आरोप है कि उसने सेंट्रल बेस पोस्ट ऑफिस और इसके तहत आने वाले फील्ड पोस्ट ऑफिस में पुराने नोटों की पुरानी सीरीज के नोटों की राशि के बारे में उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी दी थी। उन पर सेंट्रल बेस पोस्ट ऑफिस के तहत सभी फील्ड पोस्ट ऑफिस में काउंटर पर मिले पुराने नोटों के बारे में सही पहचान के बाद गलत बयान देने का भी आरोप लगाया गया था।

एक अन्य ब्रिगेडियर, कर्नल और सेना डाक सेवा के एक कैप्टन को भी नोटबंदी के दौरान रद्द नोटों के आदान-प्रदान से संबंधित आरोपों में कोर्ट-मार्शल का सामना करना पड़ रहा है। कैप्टन का जनरल कोर्ट मार्शल भी शीघ्र ही चंडीमंदिर में शुरू होने की संभावना है। वो आपराधिक कदाचार से लेकर 12 अन्य आरोपों का सामना कर रहे हैं।