महाराष्ट्र के कोलोबा में पुलिस ने नकली कोरोना टेस्ट रिपोर्ट बेचने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह इन रिपोर्ट्स के बदले पैसे ऐंठता था। जांच में पता चला कि आरोपी देवीलाल जाट एक ऐप के सहारे अपनी कोरोना रिपोर्ट एडिट करता था और इसे लोगों को 1 हजार रुपए से 1500 रुपए में बेचता था। पुलिस को जब इस बारे में सूचना प्राप्त हुई तो तुरंत एक ऑपरेशन के तहत आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावा पुलिस ने एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान 37 वर्षीय शांतिलाल मिनरिया के रूप में हुई है। शांतिलाल ही देवीलाल से नकली रिपोर्ट खरीदता था और इसे आगे लोगों को बेच देता था। अभी तक देवीलाल ने 10 से 15 लोगों को ये रिपोर्ट बेची थी। फिलहाल पुलिस इसका पक्का आंकड़ा जुटाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा आरोपियों से भी इस मामले में पूछताछ की जा रही है।
नकली निगेटिव रिपोर्ट दी गई: मिड-डे की रिपोर्ट के मुातबिक, पुलिस ने बताया कि जाट एक कंप्यूटर इंजीनीयर है। मिनरिया जनवरी में ही मुंबई आया था और उसे एक बिजनेसमैन के यहां कुक की नौकरी मिल गई थी। उसने मिनरिया से नौकरी देने से पहले कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट मांगी थी। मिनरिया ने इस मामले में जाट से संपर्क किया था तो उसे निगेटिव रिपोर्ट उपलब्ध करवाई गई थी। बिजनेमैन ने जब कुक की इस रिपोर्ट की जांच लैब से करवाई तो पता चला इस नाम के किसी भी व्यक्ति की कोरोना टेस्टिंग नहीं की गई है।
नकली आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पर एक कोड लगा हुआ था जिसे सर्च करने के बाद पता चला कि ये रिपोर्ट किसी देवीलाल जाट के नाम पर तैयार की गई थी। लैब के मालिक ने इस मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई और पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए जाट और मिनरिया को गिरफ्तार कर लिया। बाद में दोनों से पूछताछ की गई तो पूरी गुत्थी सुलझी। जाट ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उसने अपनी ही रिपोर्ट को एक ऐप के द्वारा बदला था। वह लैपटॉप से नकली रिपोर्ट आसानी से निकाल देता था।