मोदी सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेता चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली लॉ स्टूडेंट से वसूली के मामले में बीजेपी नेता डीपीएस राठौर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई डीपीएस राठौर से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने 12 घंटों तक पूछताछ की थी। उन्होंने एसआईटी को अपना लैपटॉप और पेनड्राइव भी सौंपे थे। माना जा रहा है कि इनमें घटना से जुड़े वीडियो क्लिप्स हैं।

राठौर बोले- SIT को गलतफहमियां हैंः 30 अगस्त को जब 23 वर्षीय छात्रा मेहंदीपुर बालाजी के पास से शाहजहांपुर क्राइम ब्रांच की टीम मिली तब जिला कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन राठौर राजस्थान के दौसा में थे। छात्रा 24 अगस्त को लापता हुई थी। अपनी शिकायत में लॉ स्टूडेंट ने बताया था कि अजीत सिंह ने उससे पेनड्राइव ली थी जिसमें प्रताड़ना के सबूत थे। राठौर ने मीडिया से कहा, ‘मैं प्रशासन की मदद करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि एसआईटी को कुछ गलतफहमियां हैं।’

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‘मदद के लिए गया था दौसा’: उन्होंने कहा, ‘मैं लापता छात्रा का पता लगाने में मदद के लिए कुछ सीनियर पुलिस अधिकारियों से आग्रह करने के लिए दौसा गया था।’ डीपीएस राठौर ने दौसा दौरे के वक्त अपने साथ बीजेपी नेता अजीत सिंह के भी होने की बात कही। अजीत सिंह वसूली केस में आरोपी विक्रम के रिश्तेदार हैं। शनिवार (2 नवंबर) को एसआईटी ने दादरौल के पूर्व विधायक डीपी सिंह को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया था।

चश्मे में खुफिया कैमरा लगा रिकॉर्ड किए थे सबूतः एसआईटी के कुछ अधिकारियों ने भी जिला जेल जाकर आरोपियों से मुलाकात की। दोनों मामलों की जांच कर रही एसआईटी ने कड़ाई से पूछताछ की और सबूत जुटाने की कोशिश की। इनमें वह खुफिया कैमरा भी था जो छात्रा ने यौन शोषण के सबूत जुटाने के लिए चश्मे में लगाया था। टीम को एक बैग भी मिला है जिसमें कुछ किताबें भी थीं। यह बैग एसएस कॉलेज के पीछे एक नाले से मिला था, यह वही कॉलेज है जहां लॉ स्टूडेंट पढ़ाई करती थी।