छत्तीसगढ़ के भिलाई में साल 2015 में हुए के कत्ल ने सनसनी फैला दी। यह कत्ल एक बड़े एजुकेशन इंस्टिट्यूट के चेयरमैन के बेटे का था, जो वारदात से पहले लापता हो गया था। इस केस को सुलझाने में पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था और कम से कम 1 करोड़ कॉल डिटेल्स खंगालने के बाद कातिल तक पहुंच पाई थी। हालांकि इस कत्ल की कहानी बड़ी ही फिल्मी अंदाज सी थी, जिसके बारे में आपको इत्मिनान से समझाते हैं।

तारीख थी 10 नवम्बर और साल 2015 था। शाम के वक्त नामी एजुकेशन इंस्टिट्यूट कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्र का इकलौता बेटा अभिषेक मिश्र लापता हो गया। एक हाई प्रोफाइल वारदात ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। वारदात के दिन की कड़ियां जोड़ने और अभिषेक के दैनिक दिनचर्या के जोड़-तोड़ में पुलिस उलझी रही। कई जगहों पर पुलिस टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया पर कोई खबर नहीं।

पुलिस ने अभिषेक व परिजनों की कॉल डिटेल को निकालना शुरू किया और पुरानी रंजिश के बारे में पता लगाया। कई दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस ने देश भर की एक करीब करोड़ कॉल डिटेल खंगाली। इसी बीच पता चला कि अभिषेक कॉलेज भी जाया करता था। अब पुलिस ने अभिषेक के सहयोगियों से जानकारी जुटानी शुरू की। इन सबके बीच किम्सी जैन का नाम सामने आया।

किम्सी जैन, अभिषेक मिश्र के कॉलेज में प्रोफेसर थी और दोनों के बीच पहले करीबी भी थी। जांच में सामने आया कि किम्सी जैन ने साल 2013 में किसी विकास जैन नाम के शख्स से शादी कर नौकरी छोड़ थी। वहीं, दूसरी तरफ कॉल डिटेल में विकास जैन का नाम भी सामने आया। पुलिस की शक कि सुई आकर इसी नाम पर टिक गई और कॉल डिटेल के आधार पर जांच आगे बढ़ाई।

अभिषेक के अपहरण के 45 दिनों बाद पुलिस को विकास जैन के चाचा अजीत के घर के बगीचे से अभिषेक की लाश बरामद हुई। आरोपियों ने बेहद शातिराना ढंग से लाश गाड़कर उसके ऊपर गोभी के पेड़ लगा दिए थे। अभिषेक की लाश की हालत बेहद बुरी हो चुकी थी लेकिन उसके लॉकेट, अंगूठी और हाथ के चूड़े ने सारी पोल पट्टी खोल दी। फिर अभिषेक के शव का डीएनए टेस्ट भी कराया गया।

पुलिस ने ठोस सबूतों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में कहानी सामने आई कि कुछ सालों पहले कॉलेज में काम करने के दौरान अभिषेक और किम्सी जैन के बीच करीबी थी। किम्सी ने जब साल 2013 में शादी की तो अभिषेक ने नाराजगी जताई। अभिषेक चाहता था कि किम्सी शादी के बाद उससे संबंध बरकरार रखे। किम्सी पर दबाव बढ़ा तो उसने यह बात पति विकास जैन से बताई और विकास ने बदला लेने की ठानी।

फिर विकास जैन ने अपने चाचा अजीत के साथ अभिषेक के हत्या की साजिश रची। इसी कड़ी में किम्सी ने अभिषेक को 9 नवंबर को फोन कर घर बुलाया। घर पहुंचने के बाद अभिषेक और किम्सी के बीच विवाद हुआ तो वहां पहले से मौजूद विकास और अजीत ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की। जब अभिषेक की मौत हो गई तो विकास की मदद से अजीत ने उसे अपने स्मृति नगर के घर के बगीचे में गड्ढा खोदकर गाड़ दिया। फिर कुछ दिन बाद गोभी के पौधे लगा दिए ताकि किसी को शक न हो।