देश भर में साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए सरकार ने पूरी योजना बनाई है। इसके लिए सरकार ने फंड भी जारी कर दिया गया है। संसद में पूछे गये सवाल के जवाब गृहमंत्रालय की ओर से संसद को जानकारी दी गई है कि “महिलाओं और बच्चों के प्रति साइबर अपराध की रोकथाम (CCPWC)” के तहत कई कदम उठाए गये हैं।

राज्यों में फारेंसिक कम ट्रेनिंग लैब स्थापित

इसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में फारेंसिक सह प्रशिक्षण लैब स्थापित करने, जूनियर साइबर सलाहकार (Junior Cyber Counselors) की नियुक्ति करने और विधि प्रवर्तन एजेंसियों (Law Enforcement Agencies), लोक अभियोजकों तथा न्यायिक अधिकारियों (Public Prosecutors And Judicial Officers) के क्षमता निर्माण के लिए कुल 99.88 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता जारी की गई है।

संसद में उठाए सवाल पर गृहराज्य मंत्री ने दिया जवाब

विजय पाल सिंह तोमर ने पूछा था कि क्या देश में साइबर पुलिस के पास सरकारी वेबसाइटों या डेटा पर देश के भीतर या विदेशों में उकसाए जाने वाले किसी भी साइबर हमले से निपटने के लिए जरूरी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सरकार की ओर से गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस और लोक व्यवस्था राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विषय हैं। साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस बलों को समुचित
इंफ्रास्ट्रक्चर, अत्याधुनिक तकनीकी यंत्रों और मैनपॉवर से लैस करने और उन्हें प्रशिक्षित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन की होती है।

भारतीय साइबर अपराध समन्‍वय केंद्र’ के तहत ‘साइट्रेन’ पोर्टल तैयार

सरकार की ओर से यह भी बताया गया है कि ‘साइबर अपराधों की जांच, फॉरेंसिक, अभियोजन आदि के विवेचनात्मक पहलुओं पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम और प्रमाणन के माध्यम से पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए ‘भारतीय साइबर अपराध समन्‍वय केंद्र’ के तहत ‘साइट्रेन’ पोर्टल नामक “वृहत ओपन ऑनलाइन कोर्स (Massive Open Online Course) प्‍लेटफार्म विकसित किया गया है।

इस पोर्टल के जरिये राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के 28,700 से अधिक पुलिस अधिकारियों का पंजीकरण किया गया है और 7,800 से अधिक प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। सरकार ने बताया कि अब तक 20,300 से अधिक विधि प्रवर्तन एजेंसी (LEA) कार्मिकों, न्यायिक अफसरों और लोक अभियोजकों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है। अब तक 33 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं शुरू की गई हैं।