केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे कथित सोना तस्कर मोहब्बत अली को सऊदी अरब से वापस लाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के साथ समन्वय किया। बाद में उसे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने इंटरपोल चैनलों के माध्यम से एनआईए और इंटरपोल एनसीबी-रियाद के साथ समन्वय में मोहब्बत अली की वापसी की सुविधा दिलाई है।
13 सितंबर, 2021 को जारी किया गया था इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस
सीबीआई ने अपने बयान में कहा, “उसे गुरुवार को सऊदी अरब से भारत लाया गया। एनआईए के अनुरोध के आधार पर इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरएनसी) 13 सितंबर, 2021 को जारी किया गया था। एनआईए ने अली के खिलाफ सऊदी अरब के रियाद से भारत में सोने की छड़ों की अवैध तस्करी की साजिश रचने का मामला दर्ज किया था।”
9 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की सोने की छड़ें जब्त- NIA
दूसरी ओर एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, “13 सितंबर, 2021 को जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 18.56 किलोग्राम सोने की छड़ों की जब्ती के संबंध में अली के खिलाफ एक आरसीएन और एक लुक आउट सर्कुलर (LoC) जारी किया गया था। देश की आर्थिक सुरक्षा और मौद्रिक स्थिरता को पटरी से उतारने के लिए भारत में सोने की तस्करी की आपराधिक साजिश के तहत, 2020 में रियाद से तस्करी के दौरान बाजार में 9 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की सोने की छड़ें जब्त की गईं।”
आपराधिक साजिश और यूएपीए के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था
एनआईए प्रवक्ता ने कहा, “आरोपी मोहब्बत अली, सुभाष, मोहम्मद मकबूल शेख, चुना राम और अमजद अली द्वारा भारत में तस्करी के लिए सलाखों को इमरजेंसी टॉर्च की बैटरी में छुपाया गया था। राजस्थान का रहने वाला मोहब्बत अली सितंबर 2020 से फरार था और एनआईए ने 22 मार्च, 2021 को उसके खिलाफ आपराधिक साजिश और यूएपीए (UAPA) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।”
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एनआईए के’मोस्ट वांटेड’ मोहब्बत अली के खिलाफ 2 लाख रुपये का इनाम
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी ने मोहब्बत अली को ‘मोस्ट वांटेड’ घोषित किया था और उसके खिलाफ 2 लाख रुपये का इनाम रखा था। 17 मार्च 2021 को एनआईए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था और गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। एनआईए की जांच से पता चला कि उसने रियाद से जयपुर तक तस्करी के लिए सोने की छड़ें वाहक, सुभाष और मकबूल शेख को उपलब्ध कराई थीं।