असम के उदलगुड़ी जिले में 28 साल के एक युवक को पुलिस ने उस वक्त गोली मार दी, जब वह अपने घर व गाड़ी में आग लगाकर टोना-टोटका कर रहा था। बताया जा रहा है कि उसने इस क्रियाकलाप में अपने परिवार व रिश्तेदारों को शामिल होने के लिए भी मजबूर किया था। युवक के पिता व साइंस टीचर जादव सहारिया के मुताबिक, उनके बेटे पुलकेश सहारिया ने कंप्यूटर एप्लिकेशन में ग्रैजुएशन किया था, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली थी।

गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में एडमिट जादव सहारिया हाईस्कूल में साइंस टीचर हैं और पुलकेश के पिता हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि घटना वाले दिन मेरा बेटा काफी खूंखार हो गया था और उसने परिवार के सभी लोगों को टोने-टोटके में शामिल होने के लिए मजबूर किया था।

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जादव ने बताया कि इस पूरी घटना का मुख्य आरोपी तांत्रिक रमेश सहारिया था, जिसे हम अपना गुरु मानते हैं। रमेश व उसके सहयोगी भुयान ने हमें बताया था कि यदि यह पूजा होती है तो हमें छिपा हुआ खजाना मिलेगा और पुलकेश को नौकरी मिल जाएगी। उन्होंने हमें यह समझाने की कोशिश की कि यौन उत्पीड़न का शिकार होने के बाद मेरी बेटी ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। ऐसे में अगर हम यह पूजा करते हैं तो आरोपियों को सजा मिलेगी। पुलकेश उन पर पूरी तरह विश्वास करने लगा था और उसने परिवार के बाकी लोगों को भी टोने-टोटके में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने अपनी मां समेत 3 महिलाओं और सभी पुरुषों को निर्वस्त्र होने के लिए भी मजबूर किया था।

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असम पुलिस ने इस मामले में अब तांत्रिक की तलाश शुरू कर दी है। बता दें कि शनिवार (6 जुलाई) जादव, अपनी पत्नी पूर्णकांति, बेटे पुलकेश, पूर्णकांति की 2 बहनों और 3 अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर टोना-टोटका कर रहा था। यह तांत्रिक क्रिया कलईगांव स्थित जादव के घर में हो रही थी, जिसमें तलवार जैसे हथियार भी रखे गए थे। उस दौरान उन्होंने अपनी कार व बाइक में आग लगा दी थी।

पड़ोसियों ने जब उनके घर से धुआं उठते देखा तो अलर्ट हो गए थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस व फायर ब्रिगेड को मामले की जानकारी दे दी थी। जब पुलिस जादव के घर पहुंची तो जादव, पुलकेश और कलिता ने उन पर कुल्हाड़ी, तलवार और पत्थरों से हमला कर दिया था। आत्मरक्षा में पुलिस ने गोली चलाई थी, जिससे तीनों घायल हो गए थे।