बिहार का मुंगेर जिला दशकों से हथियारों के लिए चर्चा में रहा है। कई बार यहां अलग-अलग जगहों पर छापेमारी में हथियार और फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। इसी कड़ी में एसटीएफ और पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में मुंगेर जिले के एक गांव में मिनीगन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है, जहां एक किराए के मकान में 500 रुपए की दिहाड़ी पर मजदूरों से पिस्टल बनवाई जा रही थी।

किरये के मकान में चल रही थी मिनीगन फैक्ट्री

मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस पूरे धंधे का भंडाफोड़ मुंगेर जिले के खपड़ा गांव में किया है। खपड़ा गांव टेटियाबंबर थाने के अंतर्गत आता है और यहां 50 हजार रुपए का किराया देकर एक मकान लिया गया था। इसी मकान में मिनीगन फैक्ट्री चलाई जा रही थी। पुलिस ने बताया है कि इस अवैध काम के लिए अभी तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

SP ने बताया- 3 को दबोचा गया

पुलिस अधीक्षक (SP) जगुनाथ जलारेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मिनीगन फैक्ट्री को चलाने में मदद करने वाले जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनकी पहचान सुरेंद्र मंडल, राहुल कुमार और संजय कुमार शाह के रूप में हुई है। इन आरोपियों में से सुरेंद्र मंडल ही घर का मालिक है।

मजदूरों की 500 से 1000 रुपए तक थी दिहाड़ी

मुंगेर जिल में पुलिस और एसटीएफ (STF) ने संयुक्त अभियान में इस पूरे काले-धंधे का भंडाफोड़ किया है। जानकारी के अनुसार, यहां काम करने वाले मजदूरों को 500 रुपए की दिहाड़ी मिलती थी और किसी-किसी को 1000 रुपए तक दिए जाते थे। पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में कच्चा माल और मशीन की सप्लाई एक कारोबारी करता था, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है।

तहखाने में बनते थे हथियार

पुलिस अधीक्षक (SP) जगुनाथ ने बताया कि सुरेंद्र मंडल नाम के घर मालिक ने स्वीकार किया है कि घर के तहखाने में मशीन और अन्य उपकरण लगाकर हथियार बनाये जा रहे थे। सुरेंद्र के मुताबिक, इस तहखाने में जाने के लिए सीढ़ियों का एक रास्ता था, जिससे कारीगर उतरते थे और फिर हथियारों को बनाने का कम किया जाता था।

भारी मात्रा में हथियारों की बॉडी व सामान बरामद

एसपी के अनुसार, पुलिस ने मिनीगन फैक्ट्री से भारी मात्रा में हथियारों और अन्य उपकरणों की बरामदगी की है। पुलिस ने मौके पर से कई तरह की मशीनें और हथियारों के ढांचे, पिस्टल बॉडी और 9MM- 7.6 MM की दो गोली सहित हथियार बनाने का सामान जब्त किया है।