बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए आचार संहिता लागू है। इस बीच सिवान में दिनदहाड़े एक मुखिया की हत्या कर दी गई। लेरूआ के रहने वाले बलऊ पंचायत के मुखिया सुनील कुमार सिंह उर्फ दहारी सिंह की हत्या में अब सियासी रंजिश की बातें भी सामने आ रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मुखिया के चुनाव से संबंधित पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सुनील की हत्या की गई और संभावना अधिक है कि मुखिय को खत्म करने के लिए पेशेवर हत्यारों को काम पर रखा गया था। सुपारी किलरों के जरिए इस हत्याकांड को अंजाम दिलाए जाने की संभावना है।
कहा जा रहा है कि दहारी सिंह ने पिछले चुनाव में जिन लोगों को हराया था वो लोग उनसे रंजिश रखते थे। इस मामले में एक व्यक्ति का नाम भी सामने आ रहा है हालांकि अभी इस नाम का खुलासा नहीं किया गया है। खुद सुनील सिंह पर आरोप है कि उन्होंने एक बार पुलिस से हाथपाई भी की थी। सुनील सिंह खुद दो मामलों में अभियुक्त थे और फिलहाल जमानत पर थे।
मुखिया का घर महाराजगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ता है। घटना से पहले सुनील सिंह टाउन इलाके से अपने बाइक पर सवार होकर घर की तरफ लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि कुछ अपराधियों ने अपनी बाइक से सुनील सिंह का कई किलोमीटर तक पीछा किया था। अचानक इन अपराधियों ने सुनील सिंह की बाइक में टक्कर मार दी। सुनील सिंह के जमीन पर गिरते ही अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। उन्हें चेहरे, छाती और पेट में गोली मारी गई थी।
आदर्श आचार संहिता के बीच बिहार में एक मुखिया की हत्या किसने की? अभी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस बीच यह पता चला है कि जिस वक्त मुखिया सुनील सिंह की हत्या की गई उस वक्त पूल पर खड़े दो चश्मीदीदों ने इस हत्याकांड को अपनी आंखों से देखा था। पुलिस ने इनसे भी पूछताछ की है। चश्मदीदों ने पुलिस को बताया है कि दो बाइक सवार अपराधियों ने सिंह को अचानक धक्का दिया जिसके बाद वह अपनी बाइक का संतुलन खो बैठे और नीचे गिर गये। बहरहाल पुलिस अब मुखिया हत्याकांड का उद्भेदन कर हत्या में शामिल अपराधियों को पकड़ने की कोशिश में जुटी हुई है।
