बिहार पुलिस ने अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदेश भर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर दावा किया है कि इसके पीछे नक्सलियों का हाथ था। राज्य की पुलिस ने शुक्रवार को यह दावा एक बड़े माओवादी नेता की गिरफ्तारी के बाद किया है।

SP ने दी पूरे मामले की जानकारी

इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि माओवादी नेता ने पूछताछ में बताया है कि जून में विरोध प्रदर्शन के दौरान लखीसराय में एक ट्रेन को जलाने में उनके कुछ करीबियों का हाथ था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पंकज कुमार ने कहा, “नक्सली गुट के संपर्क वाले कुछ लोगों ने प्रदर्शनकारियों के एक हिस्से को आगजनी करने और रेलवे संपत्तियों में तोड़फोड़ करने के लिए उकसाया था।”

हार्डकोर नक्सली अरेस्ट

बिहार पुलिस ने बताया है कि उन्होंने तेलंगाना पुलिस की खुफिया शाखा से मिली सूचना के बाद माओवादी नेता मनश्याम दास को लखीसराय शहर से गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मनश्याम दास बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना राज्य में नक्सली संगठनों के टॉप लीडर के सीधे संपर्क में था और लखीसराय शहर में रहकर सालों से माओवादियों की मदद कर रहा था।

भागलपुर की एक यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर रडार पर

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मनश्याम दास के कमरे से मोबाइल, माओवादी साहित्य सहित कई संदिग्ध सामान मिले हैं और वह माओवादी नेताओं से मिलने जंगलों में भी जाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि शहर के करीब आधा दर्जन नेताओं के साथ भी उसके साथ संबंध हैं।’ पुलिस का दावा है कि उसने भागलपुर के एक विश्वविद्यालय प्रोफेसर को नक्सलियों का करीबी बताया है, हालांकि प्रोफेसर ने अपनी भूमिका से इनकार किया है।

लखीसराय में हुई थी भारी आगजनी

लखीसराय के शहरी इलाके से माओवादी नेता की गिरफ्तारी ने पुलिस की इंटेलिजेंस सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना का भारी विरोध हुआ था। बिहार में भी कई जिलों में उग्र और हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिनमें प्रदर्शनकारियों ने रेलवे की संपत्तियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी थी।