बिहार में बाहुबलियों या दबंग राजनेताओं की फेहरिस्त काफी लंबी है। लगभग सभी पार्टियों में ऐसे चेहरे रहे हैं जिन्होंने कभी अपराध की दुनिया में नाम कमाया और फिर राजनीति में उतरकर सफेदपोश बन गए। इस लिस्ट में आज बात करेंगे राजद के फरार विधायक अरुण यादव की। लड़की से दुष्कर्म औऱ देह व्यापार के आरोपी दबंग कहे जाने वाले अरुण यादव पिछले काफी दिनों से फरार हैं। भोजपुर जिले के संदेश से विधायक अरुण यादव के घर पर इसी साल मई के महीने में पुलिस की टीम ने छापेमारी भी की थी लेकिन विधायक पुलिस के हाथ नहीं आए थे।
दरअसल पिछले साल जुलाई के महीने में एक लड़की ने अरुण यादव पर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। उनपर देह व्यापार कराने का आरोप भी लगा था। इसके बाद यह मामला अदालत में गया और फिर कोर्ट ने संदेश के विधायक को फरार घोषित कर दिया था। लंबे समय से फरार चल रहे अरुण यादव के बारे में बताया जाता है कि जब वो सक्रिय राजनीति में रहे तो लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी बनकर रहे।
इलाके में दबंग की छवि होने की वजह से उनका वहां काफी दबदबा भी माना जाता है। फरार होने के बाद पुलिस कई बार अरुण यादव पर शिकंजा कसने की कोशिशें कर चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। अरुण यादव पर अवैध धंधे से अकूत संपत्ति जुटाने के भी आरोप हैं और उनकी करोड़ों की संपत्ति को लेकर ईडी भी कार्रवाई में जुटी है। 2015 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को हराया अरुण यादव ने 2015 में हुए चुनाव में बीजेपी के संजय सिंह को करीब 26 हजार वोटों के अंतर से हराया था।
अरुण यादव की संपत्ति कुर्क करने के आदेश भी जारी हो चुके हैं। विधायक के खिलाफ कुर्की से लेकर चल व अचल संपत्ति जब्त करने तक की कार्रवाई की गयी। कोर्ट के आदेश के बावजूद सरेंडर नहीं करने पर एक नयी प्राथमिकी भी दर्ज की गयी। उनके सभी बैंक खातों पर रोक लगा दी गयी। इतना कुछ होने के बावजूद भी अरुण यादव अब तक पुलिस के हाथ नहीं आ सके हैं।
इस बार भोजपुर में पहले चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने अपने फरार विधायक अरुण यादव की पत्नी किरण देवी को मैदान से उतारकर विरोधियों को मात देने की चाल चली है। आपको बता दें कि पटना के सेक्स रैकेट संचालकों के चंगुल से भागकर नाबालिग किशोरी आरा पहुंची थी। यह मामला जुलाई 2019 का है। इसके बाद यहां पुलिस ने पीड़िता और उसके भाई का बयान दर्ज किया था।
पीड़िता के बयान के बाद देह व्यापार संचालिका को गिरफ्तार भी किया गया था। पीड़िता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराते वक्त आरजेडी विधायक का नाम लिया था। जिसके बाद राजद विधायक अरुण यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।

