10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। इस दिन यानी मंगलवार को चुनाव में किस्मत आजमा रहे कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है। इस बार के चुनाव में कई बाहुबली और दागी भी किस्मत आजमा रहे हैं। जनता ने इनकी भी जीत औऱ हार तय कर दी है। मुजफ्फरपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी बिजेंद्र चौधरी का नाम भी ऐसे दागियों की लिस्ट में शामिल है जिनपर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
‘myneta.info’ की रिपोर्ट की मानें तो बिजेंद्र चौधरी पर कुल 6 मामले दर्ज हैं। इसमें चुनाव के दौरान पैसा बांटने और लूटपाट जैसे संगीन आरोप शामिल हैं। कहा जाता है कि जिले के चर्चित नवरुणा हत्याकांड में बिजेंद्र चौधरी सीबीआई के रडार पर भी रहे हैं। इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि हत्या, धोखाधड़ी और बलात्कार जैसे संगीन जुर्मों में भी बिजेंद्र चौधरी का नाम उछला था।
बिजेंद्र चौधरी का राजनीतिक कद कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वो जनता दल यूनाइटेड, राजद औऱ कांग्रेस सभी पार्टियों के करीब रहे हैं। बताया जाता है कि पहली बार 1995 में बिजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस पार्टी के दिग्गज रघुनाथ पांडे को ही हराकर मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था। तब से जनता दल, राजद, लोजपा समेत चार दलों में गए, लेकिन पहली बार उनकी कांग्रेस में इंट्री हुई है। इसे सत्ताधारी जदयू के लिए झटका माना जा रहा है।
नगर विधानसभा सीट से बिजेंद्र चौधरी जीत का चौका लगा चुके हैं। लेकिन, लोकसभा चुनाव कभी न जीते। 2009 में निर्दलीय और 2014 में जदयू के टिकट पर हार गए थे। बिजेंद्र चौधरी जदयू के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं, हालांकि बाद में उन्होंने जदयू का दामन छोड़ दिया था। आपको बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने जेडीयू कैंडिडेट बिजेंद्र चौधरी को हराया था। इस सीट से सुरेन्द्र कुमार शर्मा की चौथी जीत थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू और भाजपा अलग-अलग गठबंधनों में चुनाव लड़ी थी।