बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भी बाहुबलियों की भरमार है। कोई भी पार्टी बाहुबलियों या दबंगों को टिकट देने में पीछे नहीं है। आज हम बात कर रहे हैं लोकजन शक्ति पार्टी के उम्मीदवार और दबंग हुलास पांडेय की। एलजेपी ने हुलास पांडेय को ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र मैदान में उतार है। यूं कहें तो हुलास पांडेय का राजनीतिक परिचय यह है कि वो एलजेपी के दिवंगत नेता रामविलास पासवान के करीबी माने जाते रहे हैं और पूर्व एमएलसी भी रहे हैं।
लेकिन जितना ज्यादा उन्हें राजनीति में जाना जाता है उससे कहीं बड़ी पहचान उनकी अपराध की दुनिया में है। हुलास पांडेय पर अवैध अथियार रखने (IPC sec 386), खतरनाक हथियार से नुकसान पहुंचाने, हत्या की कोशिश, जाने से मारने की धमकी, आपराधिक षड़यंत्र, शांति भंग करने, सरकारी अधिकारी को परेशान करने, वसूली और रंगदारी मांगने जैसे कई संगीन मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। हालांकि उन्हें किसी भी मामले में कोर्ट के द्वारा दोषी नहीं ठहराया गया है।
इसी साल जून महीने में NIA ने हुलास पांडेय के पटना, आरा और बक्सर के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारा था। हुलास पांडेय के पटना स्थित घर पर जब एनआईए ने छापेमारी की थी तो वहां से करीब डेढ़ किलो सोना और 45 लाख रुपये कैश बरामद हुआ था।
इन सब से अलग हुलास पांडे की एक और पहचान भी है। हुलास पांडे बिहार के चर्चित डॉन सुनील पांडेय के भाई हैं। जी हां, सुनील पांडेय ने अपराध की दुनिया में ऐसा आतंक मचाया कि उनपर कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। 17 मई 2003 को पटना के मशहूर न्यूरो सर्जन डॉक्टर रमेश चंद्रा का अपहरण हो गया और उनके परिजनों से पचास लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। पटना के नौबतपुर इलाके पुलिस ने डॉक्टर को बरामद कर लिया था।
इसके अलावा भी सुनील पांडेय पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सुनील पांडेय 4 बार विधायक रह चुके हैं, वो पहले जदयू में थे। हुलास पांडे का नाम ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या में भी उछला था। इसके अलावा सुनील पांडेय पर भी ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के आरोप लगे थे।
