देश के कई राज्यों में बीते सालों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस पर अमानवीय व्यवहार व पिटाई का आरोप लगा है। ऐसा ही मामला बिहार से सामने आया है, जहां एक स्थानीय भाजपा नेता के पैंतीस वर्षीय बेटे की अस्पताल में मौत हो गई। अब इस मामले में मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई के कारण युवक की मौत हो गई। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है लेकिन तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों और एक रसोइए के खिलाफ मामला दर्ज किया।

जानकारी के अनुसार, एक स्थानीय बीजेपी नेता पुष्पा सिंह के बेटे रोहित सिंह उर्फ ​​बबलू सिंह की मंगलवार दोपहर भोजपुर के जगदीशपुर अस्पताल में मौत हो गई थी। भोजपुर के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मृतक की मां की शिकायत पर, हमने तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों और एक निजी रसोइए के खिलाफ मामला दर्ज किया है। साथ ही मामले में वीडियो फुटेज मिलने के बाद हमने तुरंत जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी के मुताबिक, वीडियो फुटेज में रोहित सिंह उर्फ बबलू खुद अस्पताल जाते हुए दिखाई दे रहा है, जिसे उनकी मां भी मान रही है। वहीं, अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि बबलू का मानसिक अस्थिरता और नशीली दवाओं की लत से हुई परेशानियों के चलते इलाज चल रहा था। हालांकि, अस्पताल ने 29 मार्च की सुबह मामले को रेफर कर दिया था, लेकिन उसे दूसरे अस्पताल नहीं ले जाया जा सका था।

इस मामले में बीजेपी नेता पुष्पा सिंह ने बुधवार को मीडिया से की गई बातचीत में आरोप लगाया कि घर के पास की ही बिल्डिंग में रहने वाले पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे की पिटाई की थी। पुष्पा सिंह के मुताबिक, उनके बेटे की कुछ पुलिसकर्मियों के साथ बहस हुई जिसके चलते उन लोगों (पुलिसकर्मियों) ने रोहित को पीटा था। फिर बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

पूरे मामले में एसपी ने कहा कि जांच में कोई बाहरी चोट सामने नहीं आई है। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और उसका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। एसपी ने कहा कि अगर परिवार तीन पुलिसकर्मियों की पहचान करता है और पोस्टमॉर्टम में पिटाई के चलते आंतरिक चोटों का पता चलता है, तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।