बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव तय माने जा रहे हैं। लेकिन बिहार में चुनाव से पहले छह महीने में तीन JDU नेताओं को अपराधियों ने गोली मार दी। यह हत्याएं सियासी रंजिश में हुईं ? या फिर इसकी वजह कुछ और है यह जांच का विषय है। ताजा मामला मधेपुरा जिले का है। मधेपुर में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता को गोलियों से भून दिया गया। गोली मारे जाने के बाद जेडीयू नेता अशोक यादव को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अशोक यादव के बारे में बताया जा रहा है कि वो गम्हरिया प्रखंड के जेडीयू अध्यक्ष थे। मंगलवार की रात अशोक यादव अपने गांव जोगबनी में एक दुकान पर खड़े थे। इसी दौरान बाइक से वहां आए कुछ बदमाशों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
अशोक यादव को गोली मार अपराधी वहां से फरार हो गए। आनन-फानन में अशोक यादव को अस्पताल ले जाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अशोक यादव को गोली लगने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए सुपौल भेजा गया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय नेताओं ने आक्रोश प्रकट करते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इधर पुलिस ने FIR दर्ज कर लिया है लेकिन अब तक किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका है। यह भी पता नहीं चल सका है कि जदयू के नेता को आखिर गोली किस वजह से मारी गई है?
इससे पहले जून के महीने में मुंगेर जिले में भी एक जेडीयू नेता की हत्या हुई थी। जमालपुर के मालपुर थाना अंन्तर्गत फरीदपुर ओपी क्षेत्र के फरीदपुर गांव में बेखौफ बदमाशों ने जदयू के चर्चित नेता अविनाश कुशवाहा उर्फ जुगनू मंडल की बेरहमी से हत्या की थी।
इसी साल मार्च के महीने में पटना में जनता दल यूनाइटेड के छात्र नेता कन्हैया कौशिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। होली के दिन पटेल नगर इलाके में जेडीयू नेता की हत्या के बाद काफी हंगामा मचा था। कन्हैया छात्र जेडीयू के पूर्व प्रदेश महासचिव रह चुके थे और इसके अलावा वो एएन कॉलेज के छात्रसंघ उपाध्यक्ष भी थे। इस हत्या को लेकर कहा जा रहा था कि आपसी रंजिश में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था।
इससे पहले साल 2019 में सितंबर के महीने में अपराधियों ने समस्तीपुर में जनता दल युनाइटेड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उजियारपुर के जेडीयू प्रखंड महासचिव संत कुमार की हत्या के बाद यहां लोग काफी आक्रोशित हो गए थे। इस हत्याकांड से एक दिन पहले सीवान में लोक जनशक्ति पार्टी के एक नेता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।