बिहार पुलिस का एक बार फिर अमानवीय चेहरा सामने आया है। दशहरे पर छुट्टी मनाने अपने गांव मड़वा आए एक इंजीनियर की बिहपुर पुलिस ने कथित तौर पर थाने में पीट-पीट कर मार डाला। घटना से लोगों में गुस्सा भड़क उठा। नाराज लोगों ने नेशनल हाईवे 31 पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे एसपी ने बिहपुर के थानेदार रंजीत कुमार को फौरन निलंबित कर दिया।

भागलपुर जिले के नवगछिया के बिहपुर थाना क्षेत्र में सोमवार को इंजीनियर आशुतोष कुमार की बगल के गांव महंत चौक पर बैरियर हटाने को लेकर एक युवक से विवाद हो गया था। नौबत हाथापाई तक आ गई। आरोप है कि सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने दोनों को समझाने-बुझाने के बजाए आशुतोष की पिटाई कर दी। बाद में उसे थाने उठा लाई और वहां भी जमकर पीटा।

आशुतोष के भाई सूरज पाठक का आरोप है कि पुलिस की बेरहमी से उसकी हालत खराब हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां उसने दम तोड़ दिया। इंजीनियर की मौत की जानकारी मिलने पर पहुंचे लोगों ने वहां जमकर हंगामा किया। गुस्साए लोगों ने नेशनल हाईवे 31 पर जाम लगा दिया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पाकर भारी फोर्स के साथ एसपी स्वप्नाजी मेश्राम वहां पहुंचे और लोगों के आक्रोश को देखते हुए थानेदार रंजीत कुमार को निलंबित कर दिया।

एसपी ने बताया कि पिटाई से तबीयत बिगड़ने पर उसे नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृत इंजीनियर के परिजनों के थानाध्यक्ष और अन्य चार अज्ञात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध लिखित शिकायत पर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

एसपी मेश्राम ने बताया कि मामले में कुछ और पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की जांच नवगछिया के पुलिस उपाधीक्षक से कराई जा रही है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी। इधर, भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणब कुमार ने मृत इंजीनियर के शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की निगरानी में कराने का आदेश दिया है। इसके लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। घटना से ग़ांव में पुलिस के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा है।