कर्नाटक के बंगलूरू के हूडी निवासी नीरज नाम के एक व्यक्ति ने ओएलएक्स में 12 हजार रुपए में अपना बेड और स्टडी टेबल बेचने के लिए विज्ञापन दिया। बाद में एक दीपक नाम के एक अन्य व्यक्ति ने उसको फोन किया और उसे लेने की इच्छा जताई। दीपक ने खुद को पुलिस का स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) बताया और कहा कि हाल ही में उसका तबादला इंदिरानगर पुलिस स्टेशन हुआ है। उसने नीरज से कहा कि वह उसे अपना बेच दे।

गूगल पे के माध्यम से पैसे भेजने को कहा था आरोपी : नीरज ने कहा कि पैसा मिलने पर ही वह सामान सौंपेगा। दीपक ने कहा कि उसके आदमी सामान ले लेंगे और वह गूगल पे के माध्यम से पैसे भेज रहा है। इसके बाद कथित पुलिस ऑफिसर दीपक ने नीरज को उसके गूगल पे एकाउंट में 12 हजार रुपए का एक क्यू आर कोड भेजा और कहा कि वह इसे स्कैन कर ले। नीरज ने इसे फ्राड समझते हुए स्कैन करने से मना कर दिया। लेकिन दीपक ने उसे आश्वस्त किया कि वह एक पुलिस ऑफिसर है और उसका कुछ गलत नहीं कर रहा है।

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क्यूआर कोड स्कैन करते ही निकल गए रुपए : बाद में नीरज ने उसका व्हाट्सएप प्रोफाइल पिक्चर चेक किया तो उसमें वह टू-स्टार के साथ यूनिफॉर्म पहने हुए दिखा। इससे उसे लगा कि वह सचमुच पुलिस अधिकारी है। इसके बाद नीरज ने कोड को स्कैन कर लिया और अपना पिन डाल दिया। लेकिन पैसे पाने की बजाए नीरज के 12 हजार रुपए तुरंत निकल गए। दीपक ने नीरज को आश्वस्त किया कि किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से उसके एकाउंट से पैसे निकल गए हैं। आरोपी ने उससे माफी मांगी और पैसे वापस करने का वादा किया।

बाद में पैसे मांगने पर दी धमकी : उसने दोबारा नीरज से क्यू आर कोड स्कैन करने को कहा, जिसमें लिखकर आया कि ‘रिफंड टू पे’ और 6999 रुपए फिर निकल गए। इसके बाद नीरज को समझ आया कि वह ठगा गया है। पीड़ित ने आरोपी से पैसे वापस करने को कहा, लेकिन उसने उलटा उसी पर गलत लेनदेन करने का आरोप लगा दिया। जब नीरज ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की बात कही तो उसने उसे गाली देते हुए धमकी दी। बाद में पीड़ित नीरज ने महादेवपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई।