Azamgarh News: आजमगढ़ छात्रा सुसाइड केस में लगातार नए अपडेट्स सामने आ रहे हैं। आरोपी प्रिंसिपल और टीचर के समर्थन में पूरे प्रदेश के स्कूल बंद कर दिए गए हैं औऱ यह कोई छोटी बात नहीं है। लोग यह जानना चाह रहे हैं कि छात्रा के सुसाइड करने के बाद आखिर प्रिंसिपल और टीचर के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई। ऐसे कई मामले पहले भी हमारे सामने आए हैं मगर आजमगढ़ केस में जिस तरह लोगों का रिएक्शन देखने को मिला है वह हैरान करने वाला है। जानकारी के अनुसार, प्रिंसिपल का नाम सोनम मिश्रा और टीचर का नाम अभिषेक राय है। चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
छात्रा ने 31 जुलाई को किया सुसाइड
घटना सिधारी थाना क्षेत्र के हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रंस गर्ल्स कॉलेज का है। यहां गर्ल्स कॉलेज की 17 साल की छात्रा ने 31 जुलाई को छत से कूदकर अपनी जान दे दी। घटना के बाद छात्रा के पिता एसपी ऑफिस पहुंचे और बताया कि उनकी बेटी के साथ गलत व्यवहार हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के दिन उसका दुष्कर्म किया गया। पिता का कहना था कि उनकी बेटी के साथ लगातार उत्पीड़न हुआ है। उसे प्रताड़ित किया गया। इसके बाद एसपी ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए। पुलिस ने एक्शन लेते हुए आरोपी प्रिंसिपल औऱ टीचर को गिरफ्तार कर लिया।
अन्य शिक्षकों और छात्रों ने प्रिंसिपल का किया बचाव
एक तरफ जहां छात्रा के परिजन प्रिंसिपल और टीचर पर आऱोप लगा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कॉलेज परिसर में दूसरे शिक्षकों औऱ छात्रों ने उनका बचाव किया। इतना ही नहीं अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश ने सभी निजी स्कूलों को 8 अगस्त यानी मंगलवार को बंद करने का ऐलान कर दिया। एसोसिएशन ने कहा है कि बिना जांच किए गिरफ्तारी सही नहीं हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
प्रिंसिपल और टीचर पर क्या लगे हैं आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, जांच के समय लड़की के बैग से मोबाइल हुआ था। इसी मामले को लेकर उसे प्रिंसिपल के ऑफिस में बुलाया गया। आरोप है कि मोबाइल मिलने की बात को लेकर उसे प्रताड़ित किया गया। उसे डांट लगाई गई। उसे प्रिंसिपल के रूम में बुलाया गया। सीसीटीवी फुटेज में वह प्रिंसिपल ऑफिस में जाते और आते हुए दिख रही है। प्रिंसिपल के रूम से आने के बाद वह काफी देर तक बाहर खड़ी रही। इसके बाद वह तीसरी मंजिल से कूद गई।
दरअसल, शुक्रवार को चेंकिग हुई थी कि कहीं कोई छात्रा मोबाइल लेकर तो नहीं आई। जांच के समय मृतक लड़की के पास से मोबाइल मिला। उस दिन मामला खत्म हो गया। सोमवार को स्कूल खुलने पर प्रिंसिपल ने उसे ऑफिस के अंदर बुलाया। उससे उसके माता-पिता का नंबर मांगा गया। माता-पिता को आने में देरी हुई। इसी बीच लड़की छत से कूद गई। उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह भी आरोप लगा है कि जब छात्रा गिरी थी तो उस जगह पर खून के के धब्बे थे जिसे बाद में स्कूल के लोगों ने धो दिया गया। यानी सबूत को मिटाने की कोशिश की गई।
प्रिंसिपल ने कहा- ऑफिस के बाहर खड़ी थी
प्रिंसिपल ने खुद कहा है कि वह मेरे ऑफिस के बाहर 15-20 मिनट खड़ी थी। हमने कुछ गलत नहीं किया। हमने उसके माता-पिता को बुलाया था। हमने सोचा कि जब उसके माता-पिता आ जाएंगे हम उसे सौंप देंगे। उनसे छात्रा की शिकायत करेंगे। इस मामले में छात्रा के क्लास टीचर का कहना है, “मैंने की उसके माता-पिता को फोन कर स्कूल आने के लिए कहा था। हम उन्हें बताना चाहते थे कि उनकी बेटी के पास से फोन मिला है।” छात्रा की मां ने कहा था कि वे थोड़ी देर में आएंगी। छात्रा ने लगभग 20 मिनट के अंदर ही सुसाइड का फैसला ले लिया। हालांकि प्रिंसिपल और टीचर पर छात्रा को प्रताड़ित करने के आऱोप लगे हैं। उन्होंने छात्रा को क्लास अटेंड करने के बदले प्रिंसिपल ऑफिस में बुलाया और सजा के रूप में ऑफिस के सामने 15-20 मिनट तक खड़ा रखा। उसे अपमानित कर डांटा। वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पाई औऱ मौत को गले लगा लिया।
आजमगढ़ एसपी अनुराग आर्य का बयान आया सामने
इस मामले में आजमगढ़ के एसपी अनुराग आर्य ने कहा है कि मृतका के परिजनों की शिकायत पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में उन पर धारा 306 (हत्या के लिए उकसाने) का मामला दर्ज हुआ। फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा जा रहा है।
मृतक की सहेली ने क्या कहा-
मृतक छात्रा की सहेली ने नाम छिपाने की शर्त पर खुलास किया है कि 31 जुलाई घटना वाले दिन वह नॉर्मल थी। उसे अचानक 5वीं घंटी में ह प्राचार्य कक्ष में बुलाया गया। इसके बाद 7वीं घंटी में अचानक पूरे स्कूल में शोर होने लगा। हमें समझ नहीं आ रहा था कि अचानक शोर क्यों हो रहा है? कुछ लड़कियां बंदर के कारण किसी छात्रा के छत से गिरने की बात कर रही थीं। स्कूल में फौरन छुट्टी कर दी गई। जबकि नॉर्मल छुट्टी का समय दोपहर 2:30 बजे है। उस दिन दो बजे की छुट्टी कर दी गई। सभी छात्राएं स्कूल से बाहर आ गईं।
सहेली ने बताया कि मृतक छात्रा को पहली बार 28 जुलाई को बुलाया गया था। वह पढ़ने में अच्छी थी। जब वह लौटकर कक्षा में आई तो परेशान लग रही थी। उसने टीचर से कहा था कि उसकी रेपुटेशन कैसे वापस आएगी। इसके बाद 31 जुलाई को उसे दोबारा बुलाया गया। वह फिर से प्रिंसिपल के रूम में गई थी। शायद वह यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाई औऱ खौफनाक कदम उठा लिया।